ओसीडी क्यों होता है?
ओसीडी क्यों होता है? नमस्कार। welcome behatar zindagi ओसीडी यानी ऑबसेसिव कंपलसिव डिसॉर्डर एक मनोरोग है जिसमें पीड़ित इंसान को अनचाहे सोच बार-बार आते हैं और वह उस पीड़ादायी सोच से राहत पाने के लिए कुछ कार्य बार-बार करता है। अधिकांश रोगियों को पता होता है कि उस कार्य का तर्क नहीं है अपितु मानसिक हलचल से बचने के लिए उसे वह करना ही पड़ता है। लेकिन राहत बस कुछ देर के लिए ही रहती है। ट्रिगर का सामना होता है, चिंता होती है, फिर करता है। यह चक्र चलता रहता है और बढ़ भी जाता है बहुत मरीजों का। (गौरतलब है कि कुछ ओसीडी मरीजों में केवल अनचाहे व परेशान करने वाले सोच की दिक्कत रहती है। वे सोच को कम करने के लिए कोई काम बारंबार नहीं करते।) उदाहरण- एक व्यक्ति को मलमूत्र से बेहद घृणा है अर्थात जरूरत से ज्यादा परेशानी है मल-मूत्र से। वह जब भी पेशाब जाता है उसे कम-से-कम २ बाल्टी पानी चाहिए। कहीं एक छींट पेशाब की गिर गई तो उसे धोता है। धोते समय गंदे पानी की एक छींट उस पर गिर जाए तो उस छींट को धोता। इस तरह चलता रहता है पर पूरी तसल्ली कभी नहीं मिलती। ऐसे में गिनती का ५ बार धोता है। इस बिमारी के कार...