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Showing posts from September, 2017

त्राटक साधना

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दोस्तो प्रणाम कुछ दिन पहले दिव्य दृष्टि पर एक प्रश्न किया गया था कि वो कैसे प्राप्त की जाए , उसी सम्बन्ध में आपको सुझाव देना चाहूंगा जो भी साधक मन की एकाग्रता की शक्ति को परखना चाहता है वह त्राटक करे , ओर सबसे पहली बात इससे होने वाले अनुभव किसी तरह का कोई चमत्कार नही होंगे , शुद्ध विज्ञान हर त्राटक । इसके द्वारा हम छोटे छोटे प्रयोग शुरू कर सकते है । जैसे किसी के मन की बात का पता लगाना , किसी घटना के बारे में कुछ सांकेतिक तोर पर पता लगाना , किसी को मानसिक संदेश भेजना , कुछ हद तक पुरवा भास जैसे कई प्रयोग आप कर सकते है सांकेतिक तोर पर । अब इन्ह करना कैसे है और यह सब वैज्ञानिक तोर पर कैसे साबित होता है । सबसे पहले एक बात कहता हूं त्राटक यंत्र जैसा कि फ़ोटो में है इसे आप देखे यह एक ऐसा माध्यम है जिससे विचारो की सफाई बहुत तीव्रता से होती है , क्योंकि हमारी सारी चेतना इसे देखने मे इसकी उधेड़ बुन में कुछ ही मिनटों में खो जाती हर तो विचारो को ऊर्जा नही मिल पाती सारी शक्ति हमारी इसी यंत्र पर एकाग्र होने में सहजता से लग जाती है । यह एक keep की तरह काम करता है हम सब जानते है किसी बोतल में अगर

पानी से करें आंखों के हर रोग को दूर, जानें कैसे?

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 पानी से करें आंखों के हर रोग को दूर, जानें कैसे?   आज हम आपको बता रहे हैं कि आप केवल पानी के इस्तेमाल से कैसे अपनी आंखों को स्वस्थ और तेज रख सकते हैं। जी हां, पानी सिर्फ पीनी और रोजमर्रा के कामों में ही इस्तेमाल नहीं होता है बल्कि पानी से हम अपनी आंखों को भी सही कर सकते हैं। इतना ही पानी के कुछ खास तरह के इस्तेमाल से जिन लोगों को चशमा है वो भी उतर सकता है। आइए जानते हैं कैसे? सुबह उठकर पहले फ्रेश हो। उसके बाद अपने मुंह में पानी भर लें। पानी इतना भरे कि मुंह में हवा जाने की भी जगह ना हो। अब अपनी आंखों पर 10 से 15 मिनट तक ठण्डे पानी से छींटे मारें। ऐसा करने से कमजोर आंखें तो सही होती ही हैं साथ ही आंखों के नीचे के काले घेरे यानि कि डार्क सर्कल भी सही होते हैं। करीब 3 से 4 महीने तक अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको खुद ही फर्क नजर आएगा। इसके अलावा सुबह खाली पेट हल्का गुनगुना 2 ग्लास पानी पीएं और पूरा दिन भी धीरे-धीरे पानी का सेवन करते रहें। ऐसा करने से आपकी आंखों को बहुत आराम मिलेगा और आंखें सही हो जाएंगी। आपकी आंखें अनमोल हैं, इन्‍हें सलामत रखना भी बहुत जरूरी है। आज हम आपको बता

चावल के पानी को फैंकिये मत

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चावल के पानी को फैंकिये मत  चावल के पानी को फैंकिये मत हम आपको बतायेंगे इसके 8 चमत्कारिक उपयोग! वर्तमान में लगभग हर कोई भोजन में चावल खाना पसंद करता हैं, लेकिन क्‍या कभी आपने चावल के गर्मागर्म पानी का सेवन किया हैं जिसे लोग मांड के नाम से भी जानते हैं। क्या आप जानते हैं कि उबले चावलों का पानी हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। आइए जानते है इसके बारे में... चावल के पानी के 8 चमत्कारिक फ़ायदे : त्‍वचा और बालों के लिए : अधिकांश महिलाये खाने को स्वादिष्ट बनाने के चक्कर में खाद्य पदार्थों के लाभकारी स्वास्थ्यवर्धक बहुमूल्य तत्वों को फेंक देती हैं जैसे चावल का मांड। चावल के मांड यानी पकाते वक्त बचा हुआ सफेद गाढा पानी बहुत काम का होता है। उसमें प्रोटीन, विटामिन व मिनरल होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होने के साथ-साथ आपकी त्‍वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद होते हैं। आपको विश्‍वास नहीं हो रहा न लेकिन यहां दिये उपायों को जानकर अगली बार आप चावल पकाते समय उसके पानी को फेंकने से पहले दो बार सोचेगें। पेट के लिए : जिन लोगों को अक्‍सर पेट की समस्‍या रहती है, ऐसे कमजोर

Job v/s Business नौकरी और बिज़नेस

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एक बडी कंपनी के गेट के सामने एक प्रसिद्ध समोसे की दुकान थी, लंच टाइम मे अक्सर कंपनी के कर्मचारी वहाँ आकर समोसे खाया करते थे। एक दिन कंपनी के एक मैनेजर समोसे खाते खाते समोसेवाले से मजाक के मूड मे आ गये। मैनेजर साहब ने समोसेवाले से कहा, "यार गोपाल, तुम्हारी दुकान तुमने बहुत अच्छे से maintain की है, लेकीन क्या तुम्हे नही लगता के तुम अपना समय और टैलेंट समोसे बेचकर बर्बाद कर रहे हो.? सोचो अगर तुम मेरी तरह इस कंपनी मे काम कर रहे होते तो आज कहा होते.. हो सकता है शायद तुम भी आज मैंनेजर होते मेरी तरह.." इस बात पर समोसेवाले गोपाल ने बडा सोचा, और बोला, " सर ये मेरा काम अापके काम से कही बेहतर है, 10 साल पहले जब मै टोकरी मे समोसे बेचता था तभी आपकी जाॅब लगी थी, तब मै महीना हजार रुपये कमाता था और आपकी पगार थी १० हजार। इन 10 सालो मे हम दोनो ने खूब मेहनत की.. आप सुपरवाइजर से मॅनेजर बन गये. और मै टोकरी से इस प्रसिद्ध दुकान तक पहुँच गया. आज आप महीना ५०,००० कमाते है और मै महीना २,००,००० लेकिन इस बात के लिए मै मेरे काम को आपके काम से बेहतर नही कह रहा हूँ। ये तो मै बच्चों के कारण कह

अमेरिका की बात हैं

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अमेरिका की बात हैं. एक युवक को व्यापार में बहुत नुकसान उठाना पड़ा. उस पर बहुत कर्ज चढ़ गया, तमाम जमीन जायदाद गिरवी रखना पड़ी .  दोस्तों ने भी मुंह फेर लिया, जाहिर है वह बहुत हताश था. कहीं से कोई राह नहीं सूझ रही थी. आशा की कोई किरण दिखाई न देती थी. एक दिन वह एक park में बैठा अपनी परिस्थितियों पर चिंतन कर रहा था. तभी एक बुजुर्ग वहां पहुंचे. कपड़ों से और चेहरे से वे काफी अमीर और प्रभावशाली लग रहे थे. बुजुर्ग ने चिंता का कारण पूछा तो उसने अपनी सारी कहानी बता दी. बुजुर्ग बोले -” चिंता मत करो. मेरा नाम John D. Rockefeller है. मैं तुम्हें नहीं जानता,पर तुम मुझे सच्चे और ईमानदार लग रहे हो. इसलिए मैं तुम्हे दस लाख डॉलर का कर्ज देने को तैयार हूँ.” फिर जेब से cheque book निकाल कर उन्होंने रकम दर्ज की और उस व्यक्ति को देते हुए बोले, “नौजवान, आज से ठीक एक साल बाद हम ठीक इसी जगह मिलेंगे. तब तुम मेरा कर्ज चुका देना.” इतना कहकर वो चले गए. युवक shocked था. Rockefeller उस समय America के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक थे. युवक को तो भरोसा ही नहीं हो रहा था कि उसकी लगभग सारी मुश्किलें हल हो गयी

इस पौधे की सिर्फ़ 4 पत्ती मधुमेह को घुटने टेकने पर मजबूर कर दे

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इस पौधे की सिर्फ़ 4 पत्ती मधुमेह को घुटने टेकने पर मजबूर कर दे इस पौधे की सिर्फ़ 4 पत्ती मधुमेह को घुटने टेकने पर मजबूर कर दे , ये शुगर लेवल को कम करने में बहुत कारगर है ★ मधुमेह एक ऐसा रोग है जिसके रोगी को बहुत समय तक तो इस रोग के होने का पता ही नहीं चलता है। आधुनिक समय में यह अंग्रेजी के शब्द ´डाइबिटीज´ के नाम से जाना जाता है। इस तरह के रोग में रोगी के पेशाब के साथ शहद जैसा पदार्थ निकलता है, यह रोग धीरे-धीरे होता है। इसके प्रभाव से शरीर की शक्ति घटती जाती है! ★ इस रोग के शुरुआत में स्वभाव में चिड़चिड़ापन, आलस्य, प्यास अधिक लगना, अधिक पा नी पीना, काम में मन न लगना, जी घबराना औ कब्ज की शिकायत आदि लक्षण प्रकट होते हैं। औरतों की अपेक्षा पुरुषों में यह रोग अधिक होता है। मोटे आदमी अक्सर इस रोग से पीड़ित देखे जाते हैं। पहले यह रोग 40-50 वर्ष की अवस्था में होता था, लेकिन आजकल छोटे बच्चों को भी रोग हो जाता है। मधुमेह रोग में पैतृक (वंशानुगत) प्रभाव का भी बहुत बड़ा योगदान है।  शरीर में इंसुलिन नाम का तत्व पाचन क्रिया से सम्बन्धित पेनक्रियाज गंथि से उत्पन्न होता है। इससे शक्कर रक

उबली हुई चायपत्ती को मत फैंकिये

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उबली हुई चायपत्ती को मत फैंकिये  उबली हुई चाय पति  चाय हर घर में बनती हैं और लोग इसे थकान मिटाने के लिए पीते है। अक्सर लोग चाय बनाने के बाद इसकी पत्ती को बेकार समझ कर फैंक देते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस उबली हुई पत्ती को घर पर बहुत से कामों के लिए इस्तेदमाल किया जा सकता है। आइये जानते है इसके फायदे : आ  ★ चोट लगने पर उबली हुई चाय की पत्ती घाव में भरने से इसमें से खून बहना बं हो जाता है। ★ बालों को नर्म, मुलायम और चमकदार बनाने के लिए मेंहदी में चाय की पत्ती, आंवले का पाऊडर मिलाकर लगाने से फायदा मिलता है। ★ काबुली चने बना रही हैं तो चने उबालते समय चाय की पत्ती की पोटली बनाकर डाल दें। इससे चने का रंग और स्वाद अच्छा हो जाएगा। ★ लकड़ी का फर्नीचर गंदा हो गया हो तो उसे साफ करने के लिए पानी में पत्ती उबाल कर उस पानी से फर्नीचर और शीशे साफ करें चमक जाएगें। ★ चाय बनाने के बाद बची हुई पत्ती को अच्छे से धो लें। मनीप्लांट और गुलाब पौधे में डालें यह खाद का काम करेगी। चाय बनाने के बाद बची हुई पत्ती को दोबारा उबाल कर उस पानी से घी और तेल के चिकनाई वाले डिब्बे सा

ये फूल रातों-रात झट-पट ख़ून बढ़ाता है

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ये फूल रातों-रात झट-पट ख़ून बढ़ाता है ये फूल रातों-रात झट-पट ख़ून बढ़ाता है तो कोलेस्टेरॉल कम करता है, जो मधुमेह को ख़त्म कर दे वही बालों को नयी जड़ो से उगा सकता है  गुड़हल से होने वाले फ़ायदे जैसे कोलेस्टेरॉल और ब्लड प्रेशर से लेकर मधुमेह या डायबिटीज, किडनी और डिप्रेसन, दिल और दिमाग को शक्ति, मुंह में छाले, बालों की जड़ें मजबूत, सर्दी और खांसी, बालों के झड़ने, बालों की ग्रोथ और शाइनिंग बालों के लिए, बुखार व प्रदर, सूजन, खुजली और जलन, पिंपल्स और मुहांसों, एनीमिया की समस्या और स्टेमिना बढ़ाए और पाचन शक्ति तक है, जो आयुर्वेद में प्रकृति का वरदान है। भारत में गुडहल का पौधा सर्वत्र मिल जाता है लेकिन जब तक इसके उपयोग की जानकारी से अनजान है तब तक ये एक फूल का पौधा समझ कर ही लोग इसका उपयोग करते है गुड़हल (Hibiscus) का फूल दिखने में जितना सुंदर होता है ये उतना ही फायदों से भरपूर भी होता है आयुर्वेद के अनुसार इसके फूल बहुत उपयोगी होते है। गुडहल सामान्यतया  दो प्रकार के है सफ़ेद गुडहल की जड़ो को पीस कर कई दवाओं का निर्माण होता है कई प्रकार के ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाने और यहां तक कि

ये उपाय झड़ते बालों को 3 दिन में रोक देता है

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ये उपाय झड़ते बालों को 3 दिन में रोक देता है ये उपाय झड़ते बालों को 3 दिन में रोक देता है, जड़ो से नए बाल उगा देता है, सफ़ेद बाल भी काले हो जाते है, बुढ़ापे तक बालों को बचाना है तो इसे सप्ताह में 3 बार लगाए हर किसी की चाहत है की हमारे बाल काले लम्बे और घने हो क्यूँकि बाल हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। जब बाल सिर पर नहीं होते तो हम समाज में हंसी का कारण भी बन सकते है। आज बाल से संबंधित बहुत सारी समस्याएं पैदा हो गयी है जैसे गिरते बाल व कमजोर बाल इत्यादि। आज पुरुष हो या महिला सभी चाहते है की उनके बाल स्व स्थ व मजबूत बने रहे और जिनके सिर पर बाल नहीं है वह चाहते है की उनके बाल दुबारा वापिस आ जाये। आवश्यक सामग्री  ★. आवला पाउडर ★. दही ★. जैतून का तेल ★. एलोवेरा  पेस्ट बनाने की विधि और उपयोग का तरीका ऊपर बताए गई सभी सामग्री को बराबर मात्रा में लेकर उसका एक पेस्ट तैयार कर लेना है आपका घरेलु उपाय तैयार है। इस पेस्ट को सप्ताह में 3 बार अपने बाल व बाल की जड़ो पर अच्छे लगाना है और इसे 20 मिनट के लिए लगा रहने देना हैं उसके बाद आपको पानी से बाल साफ कर ल

हाई बीपी हो या लो बीपी 10 मिनट में बिलकुल ठीक करेगी यह दवा

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हाई बीपी हो या लो बीपी 10 मिनट में बिलकुल ठीक करेगी यह दवा उच्च रक्तचाप की बीमारी ठीक करने के लिए घर में उपलब्ध कुछ आयुर्वेदिक दवाईया है जो आप ले सकते है । जैसे एक बहुत अच्छी दवा आप के घर में है वो है दालचीनी जो मसाले के रूप में उपयोग होता है वो आप पत्थर में पिस कर पावडर बनाके आधा चम्मच रोज सुबह खाली पेट गरम पानी के साथ खाइए ; अगर थोडा खर्च कर सकते है तो दालचीनी को शहद के साथ लीजिये (आधा चम्मच शहद आधा चम्मच दालचीनी) गरम पानी के साथ, ये हाई BP के लिए बहुत अच्छी दवा है । और एक अच्छी दवा है जो आप ले सकते है पर दोनों में से कोई एक । दूसरी दवा है मेथी दाना, मेथी दाना आधा चम्मच लीजिये एक ग्लास गरम पानी में और रात को भिगो दीजिये, रात भर पड़ा रहने दीजिये पानी में और सुबह उठ कर पानी को पि लीजिये और मेथी दाने को चबा के खा लीजिये । ये बहुत जल्दी आपकी हाई BP कम कर देगा, देड से दो महीने में एकदम स्वाभाविक कर देगे! ★ और एक तीसरी दवा है हाई BP के लिए वो है अर्जुन की छाल । अर्जुन एक वृक्ष होती है उसकी छाल को धुप में सुखा कर पत्थर में पिस के इसका पावडर बना लीजिये । आधा चम्मच पावडर, आधा

लहसुन है अमृत

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लहसुन है अमृत  ★ मान्यता है की देव-दानव के बीच हुए अमृत युद्ध में अमृत की कुछ बूंदे धरती पर बिखर गई उन्हीं बूंदों से धरती पर जिस पौधे की उत्पति हुई। वह लहसुन का पौधा था। इसलिए कहा जाता है कि लहसुन एक अमृत रासायन है। आईए देखें इसके कुछ ऐसे चमत्कारी उपयोग जिनसे आपकी कई परेशानीयां हाल हो सकती हैं, खास तौर पर मोटापा। ★ माना जाता है कि इसका प्रयोग करने वाले मनुष्य के दांत, मांस व नाखून बाल, व रंग कमज़ोर नहीं होते हैं। यह पेट के कीड़े मारता है व खांसी दूर करता है। लहसुन कब्ज को मिटाने वाला व आंखों के रोग दूर करने वाला माना गया है। अगर आप थुलथुले मोटापे से परेशान हैं तो अपनाएं ये लहसुन के अचूक प्रयोग। ★ लहसुन के गुणों का वर्णन आयुर्वेद में हजारों बार मिलता है, लेकिन इसको खाना किस प्रकार है यह शायद बहुत ही कम लोग जानते हैं| अब हम जानेंगे कि लहसुन को सही तरीके से खाने का तरीका क्या है और इससे हमें कौन से फायदे मिलेंगे| लहसुन ब्लड प्रेशर को सामान्य करता है और कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से भी रोकता है| इसके अलावा भी लहसुन खाने के बहुत से लाभ है|  सेवन की मात्रा : ★ कितना लहसुन हम

बुढ़ापे तक रहना है जवान तो खाओ मेथीदाना

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बुढ़ापे तक रहना है जवान तो खाओ मेथीदाना जो व्यक्ति बुढ़ापे तक स्वस्थ और हट्टा कट्टा रहना चाहता हैं, और चाहता हैं के उसको मधुमेह, रक्तचाप, हृदय रोग, जॉइंट पैन जैसी बीमारिया ना लगे तो उसको मेथी दाने का रोज़ाना सेवन बताई गयी विधि द्वारा करना चाहिए।   मेथीदाने के फायदे :  मैथीदाना, जितने साल जिसकी आयु हो उतने दाने लेकर धीरे-धीरे खूब चबा-चबाकर रोजाना प्रात: खाली पेट, या शाम को पानी की सहायता से सेवन करने चाहिए, अगर चबाने में दिक्कत हो तो पानी की सहायता से निगल सकते हैं। ऐसा करने से व्यक्ति सदैव निरोग और चुस्त बना रहेगा और मधुमेह, जोड़ों के दर्द, शोथ(सूजन), रक्तचाप, बलगमी बीमारियां, अपचन आदि अनेकानेक रोगों से बचाव होगा। वृध्दावस्था की व्याधियां जैसे सायटिका, घुटने का दर्द, हाथ-पैरों का सुन्न पड़ जाना, मांसपेशियों का खिचाव, भूख न लगना, बार-बार मूत्र आना, चक्कर आना आदि, उसके पास नही फटकेगी। ओज, कान्ति और स्फूर्ति में वृद्धि होकर व्यक्ति दीर्घायु होगा।  मेथीदाना सेवन के तरीके  यद्यपि अलग-अलग बिमारियों के इलाज के लिए मैथीदाना का प्रयोग कई प्रकार से किया जाता है जैसे मैथीदाना भिगोकर

मिल गया AIDS का इलाज

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मिल गया AIDS का इलाज मौजूदा समय में AIDS ही एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज पूरी दुनिया में आज तक नहीं ढूंढा गया| हालांकि कुछ दवाइयों के जरिए इसके असर को कम किया जा सकता है,लेकिन इसे ठीक करने का उपाय अभी तक सामने नहीं आया है| नार्वे के एक रिसर्च इंस्टिट्यूट के द्वारा इसका इलाज ढूंढ लिया गया है, जो कि एक खुशी की बात है| क्या है एड्स- सबसे पहले आपको बता दें,कि AIDS एक ऐसी बीमारी है,जो कि HIV वायरस के द्वारा फैलती है| यह बीमारी मुख्य रूप से हमारे शरीर के रोगों से लड़ने वाली ताकत पर हमला करती है,जिससे कि हमारा शरीर तरह-तरह की बीमारियों को न्योता देता है| एड्स के दौरान होने वाली बीमारियों का इलाज लगभग नामुमकिन हो जाता है| उदाहरण के तौर पर,अगर किसी व्यक्ति को एड्स है,तो उसे TB जैसी बीमारियों का खतरा हमेशा बना रहता है और ऐसी बीमारियों का इलाज भी बहुत मुश्किल से होता है| इस बीमारी को रोकने के लिए तरह-तरह के उपाय किए जा चुके हैं,लेकिन अब तक सारे ही उपाय स्थाई रूप से इसे खत्म नहीं कर सके| नार्वे के एक रिसर्च इंस्टीट्यूट में इस बीमारी के उपाय के लिए बहुत लंबे समय से एक रिसर्च चल रही

बुटाटी धाम का चमत्कार

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Image Credit Hindi Ayurveda जीवन मे चाहे धन, एश्वर्य, मान, पद, प्रतिष्ठा आदि सभी कुछ हो, परंतु शरीर मे बीमारी है तो सब कुछ बेकार है ओर जीवन भी नीरस है। ऐसी ही एक बीमारी है पक्षाघात, जिससे पीड़ित व्यक्ति जीवनभर सारे परिवार पर बोझ बन जाता है।  राजस्थान की धरती पर के ऐसा मंदिर भी है जहा देवी देवता आशीष ही नही बल्कि लकवे के रोगी को इस रोग से मुक्त कर देते है | इस मंदिर में दूर दूर से लकवे के मरीज अपनों के सहारे आते है पर जाते है खुद के सहारे | कलियुग में ऐसे चमत्कार को नमन है | जहा विज्ञान फ़ैल हो जाता है और चमत्कार रंग लाता है तो ईश्वर में आस्था और अधिक बढ़ जाती है | इसी कड़ी में जानते है इस मंदिर की महिमा जो पैरालाय!सिस (लकवे ) को सही करती है |  राजस्थानमें नागोर  सेचालीस किलोमीटर   (40KM) दूर अजमेर  नागौर रोड पर कुचेरा क़स्बे के पास है बुटाटी  जिसे जहाँ चतुरदास जी महाराज के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है | यह प्रसिद्द है लकवे से पीड़ित व्यक्तियों का इलाज करने में |   परिक्रमा और हवन कुंड की भभूती ही है दवा इस मंदिर में बीमारी का इलाज ना तो कोई पंडित करता है ना ही कोई वैद या ह

इस छोटे से गांव में बनती है कैन्सर की चमत्कारी दवाँ, रोज़ाना देश-विदेश से आते हैं हज़ारों रोगी

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इस छोटे से गांव में बनती है कैन्सर की चमत्कारी दवाँ, रोज़ाना देश-विदेश से आते हैं हज़ारों रोगी, इस उपयोगी जानकारी को शेयर कर लोगों का भला करे नमस्कार दोस्तों एकबार फिर से आपका Behar Zindagi blog  में स्वागत है आज हम आपको कैन्सर और अन्य बड़े से बड़े और असाध्य रोगों का इलाज करने वाले वैद्य के बारे में बताने जा रहे है। Image credit Hindi Ayurveda   इससे पहले आपसे निवेदन है की इस जानकारी को शेयर कर जनहित में पहुँचाये ताकि लोगों का भला हो वो रोग मुक्त हो जाए, इस जानकारी को पीड़ितों तक पहुँचाने पर लोग आपको आशीर्वाद देंगे और भला हो यही कहेंगे, इस अमूल्य जानकारी को शेयर कर मानवता का फ़र्ज़ निभाए। हम बात कर रहे है कान्हावाडी गांव की। कान्हावाडी गांव जिला बेतुल यहाँ पर केन्सर का कारगर इलाज होता है और भी बहुत सारी बीमारिया ठीक होती है वैद्य बाबूलाल पूरा पता बेतुल जिला से 35 km घोडाडोंगरी और वहाँ से कान्हावाडी 3km दूर है। मिलने का समय रविवार और मंगलवार सुबह 8 बजे से पर वहा पे नंबर बहुत लगते है इसलिये अगले दिन रात को जाना पड़ता है। ★ वैसे तो बैतूल जिले की ख्याति वैसे तो सतपुड़ा के जंगल