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Showing posts from March, 2019

इमोजी क्या है एवं इसका उपयोग | What is Emoji and It Uses in hindi

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इमोजी क्या है एवं इसका उपयोग | What is Emoji and It Uses in hindi इमोजी एक इलेक्ट्रॉनिक चित्र का ऐसा समूह है जो कि आपके चेहरे के भाव को एक छोटी सी इमेज द्वारा व्यक्त करता है. वर्तमान में हम दोस्तों और परिवार के संपर्क में रहने के लिए लोकप्रिय सामाजिक नेटवर्क जैसे कि फेसबुक, ट्विटर, स्नेपचैट, इन्स्टाग्राम और व्हाट्सएप का उपयोग ज्यादा करने लगे है. इमोजी इन सभी आधुनिक संचार माध्यम में मौजूद होते है. आजकल इन उपकरणों में भी काफ़ी बदलाव आये है. बहुत सारे ऐसे एप्प मौजूद है, जिनमे स्माइली, दुखी, गुस्से इत्यादि हर तरह की भावना को व्यक्त करने वाले चेहरे के साथ इमेज मौजूद होती है. यह आपकी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए एक शार्टकट तरीका है. इसके बारे में जानकारी यहाँ दर्शायी जा रही है. इन्स्टाग्राम खाता क्या है इसे कैसे बनाये व डिलीट करें यहाँ पढ़ें. इमोजी क्या है (What is Emoji) इमोजी को शुरू में जापान में उपयोग किया जाता था और अब इसका इस्तेमाल पुरे विश्व में होने लगा है. पहली बार इसका अविष्कार और इस्तेमाल शिगाटेका कुरिता ने किया था और 2011 में जब आईफ़ोन ने इसको पेश किया, तब स

सही टाइम आता है बस धेर्य बनाये रखे : सिद्धान्त चतुर्वेदी

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वेब सीरीज से एक्टिंग केरियर की शुरआत करने वाले सिद्धान्त चतुर्वेदी एक क्लासिफाइड सी ए है  गली बॉय फिल्म की कहानी सची साबित हुई सिद्धान्त चतुर्वेदी के लिए | अपना टाइम आएगा  ( be always possitive ) गली बॉय की फिल्म मेरी लाइफ में एक टर्निंग पॉइंट की तरह शाबित हुई जिससे आज मेरी एक अलग पहचान भी बन चुकी है | अब में जन्हा भी जाता हु , लोग मुझे ऍम सी शेर कह्कर बुलाते है ऐसा कम ही देखने में आता है की किसी सपोर्टिंग एक्टर को  दर्सको का इतना प्यार मिले जो मुझे इस फिल्म से मिला है | अपनी एस सफलता से मैंने सिखा की किसी भी  शेत्र में हीरो बनने का एक फार्मूला है की जिस तरह मैंने अपनी एक्टिंग पर ध्यान दिया ठीक वेसे ही आप बस अपने काम पर ध्यान दे | ध्यान रखे की आपको हीरो बनाना पब्लिक के हाथ में आता है जबकि अपनी कला और काम को बेहतर बनाना पूरी तरह आपके हाथो होता है | CA बनने के बाद सुरु की एक्टिंग  सिनेमा से मेरा प्यार बहुत कम उम्र में ही शुरु हो गया था | तब में लिखता जरुर था, लेकिन  एक्टिंग के बारे में नही सोचा था, में जब नवी क्लास में था, तब मैंने अपनी पहली कविता लिखी और फीर लि

ऐसे बनो की लोगो को रास्ता दिखा पाओ

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इस स्टोरी में आपको 2 मेसेज देने वाला हु |  ऐसे बनो की लोगो को रास्ता दिखा पाओ  ये स्टोरी है दो घोड़ो के बारे में है जो ये दो घोड़े है बहुत ही अच्छे बेस्ट फ्रेंड् होते है | एक पास बात यह होती है की एक ऐसा घोडा होता है जो बचपन से अँधा होता है | और जो दूसरा घोडा होता है उसके गले में घंटी बंधी होती है जब साम को जगत से वापिस आना होता है वो आगे -आगे  चलता है और हो घोडा अँधा होता वो उसको फॉलो करता है ( उसकी घंटी की की आवाज सुनकर ) जो दूसरा वाला वो भी उस घोड़े की की तरह बन चूका है जो हमे रास्ता दिखाता है हम घंटी की आवाज सुनते रहते है | बुत हम अंधे हो चुके हो | हमे नहीं पता की सही रास्ता क्या है ? पर ऊपर वाला हमे सही रास्ता दिखाता हाउ उस घंटी की आवाज आपको सुनाई दे रही है | अगर आपको सुनाइ नही दे रही है तो उसको ध्यान से सुनो वो गह्न्ति की आवाज जरुर सुनाई देगी | और ऊपरवाला आपको सही रास्ता दिखायेगा ये था पहला मेसेज आप उस घोड़े की तरह बनो जिसके गले में घंटी है मतलब आप ऐसे बनो क आप लोगो की रास्ता दिखा पाओ जो लोग अंधे हो चुके है जिन्हें ज़िन्दगी जीने के सही मायना नही पता है

एक घर मे तीन भाई और एक बहन थी..

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एक घर मे तीन भाई और एक बहन थी...बड़ा और छोटा पढ़ने मे बहुत तेज थे। उनके माँ बाप उन चारो से बेहद प्यार करते थे मगर मंझले बेटे से थोड़ा परेशान से थे। बड़ा बेटा पढ़ लिखकर डाक्टर बन गया। छोटा भी पढ लिखकर इंजीनियर बन गया। मगर मंझला बिलकुल अवारा और गंवार बनके ही रह गया। सबकी शादी हो गई । बहन और मंझले को छोड़ दोनों भाईयो ने Love मैरेज की थी। बहन की शादी भी अच्छे घराने मे हुई थी। आख़िर भाई सब डाक्टर इंजीनियर जो थे। अब मंझले को कोई लड़की नहीं मिल रही थी। बाप भी परेशान मां भी। बहन जब भी मायके आती सबसे पहले छोटे भाई और बड़े भैया से मिलती। मगर मझले से कम ही मिलती थी। क्योंकि वह न तो कुछ दे सकता था और न ही वह जल्दी घर पे मिलता था। वैसे वह दिहाडी मजदूरी करता था। पढ़ नहीं सका तो...नौकरी कौन देता। मझले की शादी कीये बिना बाप गुजर गये । माँ ने सोचा कहीं अब बँटवारे की बात न निकले इसलिए अपने ही गाँव से एक सीधी साधी लड़की से मझले की शादी करवा दी। शादी होते ही न जाने क्या हुआ की मझला बड़े लगन से काम करने लगा । दोस्तों ने कहा... ए चन्दू आज अड्डे पे आना। चंदू - आज नहीं फिर कभी दोस

जब कोई आपकी मजाक उडाये या बनाये तो ऐसे वेक्ति को कैसे जवाब देना होगा |

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जब कोई आपकी मजाक उडाये या बनाये तो ऐसे वेक्ति को कैसे जवाब देना होगा |   Real Life Inspiration story  Hindi English  Business Success Motivation सभी 200 ebook(pdf file) 100(hindi)100(english) only 150/- rupees लेने के लिए Click here   https://api.whatsapp.com/send?phone=917597027219   नमस्कार दोस्तों मेरे नाम पूजा है | मैं अभी कुछ दिन पहले बेहतर  ज़िन्दगी ब्लॉग से जुडी हु | काफी अचा ब्लॉग है | इसमे में आपको ज़िन्दगी जीने के टिप्स मिलेंगे | और बहुत कुछ आप अपने जीवन को मैनेज कर सकते हो | बेहतर ज़िन्दगी ब्लॉग ने मुझे अपना लाइफ एक्स्पेरिंस शेयर करने का मोका दिया | इसके लिए मे इनकी शुक्रगुजार हु | बहुत बहुत धन्यवाद |... में आज मेरे जीवन का एक छोटा सा एक एक्स्पेरिंस शेयर  करने जा रही हु | जो करीब - करीब सब लोगो के साथ होता है | ऐसे कई लोगो होते है जो आपके साथ रहते है स्कूल हो या कॉलेज या फिर ऑफिस आपको ऐसे लोग तो जरुर मिले होंगे जो मजाक आपका मजाक उड़ाते रहते है | ये ऐसे लोग होते है ना तो ज़िन्दगी में खुद आगे बढ़ते है | ना ही किसी बढ़ने देते है | ऐसे     लोगो  से कैसे निपटा जाये ? जब   ऐसे

Heart_Touching story दिल को छु लेने वाली एक ऐसी कहानी

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Heart_Touching..❤️❤️   Story    जब डॉक्टर ने ये बताया था ना , बधाई हो बेटी हुई है । मैंने लड्डू बांट दिए थे पूरे अस्पताल में क्योंकि मुझे शिखा ( पत्नी) जैसी बेटी ही चाहिए थी ।जब चलती थी ना तो उसके छोटे छोटे पैरों की पायल की गूंज पूरे घर में दौड़ जाती थी ।मुझे याद है उसने पहली बार जब पापा बोला था। कितना खुश था मैं । मैंने उसे अपने गोद में उठा लिया घंटों में उससे बोलता रहा , बेटा पापा बोलो , पा.....पा ,पा......पा और वो गर्दन मटकाने लगती । मैं उसकी हर नादानी पर बहुत हंसता । जब वो पांचवी में थी उसने पापा के ऊपर निबंध लिखा । उसने लिखा मेरे पापा हीरो है ।जो उसने अपने शब्दों में लिखा था , दुनिया में ऐसी कोई चीज नहीं है जो पापा मेरे लिए नहीं ला सकते और ऐसा कोई काम नहीं जिसे पापा नहीं कर सकते । मेरे पापा अलादीन के चिराग हैं । मैंने न जाने कितनी बार उस निबंध को पढ़ा । जब भी मैं उसे पढ़ता तो मुझे एक सफल पिता की झलक उसमें दिखती अपनी मां की चुन्नी ओढ़कर अक्सर मुझे खाना बनाकर खिलाती । धीरे धीरे मेरी प्लास्टिक की गुड़िया दादी अम्मा बन गई ।मैं उसमें अपनी मां की छवि देखता ।हर बात पर