लालच का बुरा परिणाम
एक गांव में एक किसान रहता था। उसकी सारी ज़मीन पिछले 2-3 सालों से सूखे की मार झेल रही थी और वो पूरी तरह सूख चुकी थी। सर्दी का मौसम आ चुका था। किसान पेड़ के नीचे आराम कर रहा था। तभी उसकी नज़र पास बने बिल पर गई, वहां एक सांप अपना फन उठाए बैठा था। किसान के मन में एक बात आई कि यह सांप तो सालों से यही रहता होगा, लेकिन मैंने इसकी कभी पूजा नहीं की और शायद यही वजह है कि मेरी सारी ज़मीन सूख गई है। किसान ने ठान लिया कि मैं हर रोज़ सांप की पूजा किया करूंगा। किसान एक कटोरे में दूध ले आया और बिल के पास रखकर कहने लगा - “हे नागराज, मुझे नहीं पता था कि आप यहां रहते हैं, इसलिए मैंने कभी आपकी पूजा नहीं की। मुझे क्षमा करें, अब से मैं रोज़ आपकी पूजा करूंग।” सुबह देखा, तो उस दूध के कटोरे में कुछ चमक रहा था। पास जाकर किसान ने देखा, तो वह सोने का सिक्का था। अब तो यह रोज़ का सिलसिला हो गया था। किसान रोज़ सांप को दूध पिलाता और उसे सुबह एक सोने का सिक्का मिलता। एक दिन किसान को किसी काम से दूसरे गांव जाना पड़ा, तो उसने अपने बेटे को रोज़ सांप को दूध पिलाने को कहा। किसान के बेटे ने वैसा ही किया। अगली सुबह उसे