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R.O. का लगातार सेवन बनेगा मौत का कारण*

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who report about ro water चिलचिलाती गर्मी में कुछ मिले या ना मिले पर शरीर को पानी ज़रूर मिलना चाहिए। अगर पानी RO का हो तो, क्या बात है ! परंतु *क्या वास्तव में हम आर. ओ. के पानी को शुद्ध पानी मान सकते हैं* ? *जवाब आता है बिल्कुल नहीं। और यह जवाब विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) की तरफ से दिया गया है।* विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि इसके लगातार सेवन से हृदय संबंधी विकार, थकान, कमजोरी, मांसपेशियों में ऐंठन, सर दर्द आदि दुष्प्रभाव पाए गए हैं। यह कई शोधों के बाद पता चला है कि इसकी वजह से *कैल्शियम और मैग्नीशियम पानी से पूरी तरह नष्ट हो जाते हैं* जो कि शारीरिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। RO के पानी के लगातार इस्तेमाल से शरीर मे विटामिन *B-12* की कमी भी होने लगती है। वैज्ञानिकों के अनुसार मानव शरीर 400 टीडीएस तक सहन करने की क्षमता रखता है परंतु RO में 18 से 25 टीडीएस तक पानी की शुद्धता होती है जो कि नुकसानदायक है। इसके *विकल्प में क्लोरीन को रखा जा सकता है जिसमें लागत भी कम होती है एवं पानी के आवश्यक तत्व भी सुरक्षित रहते हैं*। जिससे मानव का शारीरिक विकास अवरूद्ध नहीं होता।

हार्ट अटैक आने पर पास में कोई ना हो तो 10 सेकंड में खुद अपनी जिंदगी कैसे बचाये ?

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जरा सोचिये कि शाम के 7:25 बजे है और आप घर जा रहे है वो भी एकदम अकेले । हार्ट अटैक आने पर तुरंत करें ये काम Credit image Youtube ऐसे में अचानक से आपके सीने में तेज दर्द होता है जो आपके हाथों से होता हुआ आपके जबड़ो तक पहुँच जाता है । आप अपने घर से सबसे नजदीक अस्पताल से 5 मील दूर हैं और दुर्भाग्यवश आपको ये नहीं समझ मे आ रहा कि आप वहां तक पहुँच पाएंगे कि नहीं । आप सी पी आर (CPR : Cardio Pulmonary Resuscitation) में प्रशिक्षित हैं मगर वहां भी आपको ये नहीं सिखाया गया कि इसको खुद पर प्रयोग कैसे करें । ऐसे में दिल के दौरे से बचने के लिए ये उपाय आजमाए :- चूँकि ज्यादातर लोग दिल के दौरे के वक्त अकेले होते हैं l बिना किसी की मदद के उन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है । वे बेहोश होने लगते हैं और उनके पास very hardly सिर्फ 10 सेकण्ड्स होते है । ऐसे हालत में पीड़ित जोर जोर से खांस कर खुद को सामान्य रख सकता है । एक जोर की खांसी लेनी चाहिए हर खांसी से पहले और खांसी इतनी तेज हो कि छाती से थूक निकले । जब तक मदद न आये ये प्रक्रिया दो सेकंड से दोहराई जाए ताकि धड्कन सामान्य हो जाए । जोर की साँ