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जाने माथे पर तिलक लगाने के बाद चावल के दाने क्यों लगाए जाते है

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जाने माथे पर तिलक लगाने के बाद चावल के दाने क्यों लगाए जाते है ये तो आपने अक्सर देखा होगा, कि जब आपके घर में कोई त्यौहार, शादी या पूजा का समय होता है, तो इसकी शुभ शुरुआत व्यक्ति को तिलक लगा कर की जाती है. जी हां ये तो सब को मालूम है कि पूजा के दौरान व्यक्ति को तिलक लगाया जाता है, क्यूकि तिलक लगाना शुभ माना जाता है. मगर क्या आपने कभी ये सोचा है कि तिलक लगाने के बाद व्यक्ति के माथे पर चावल क्यों लगाए जाते है. यकीनन आपको कभी ये सोचना की जरूरत ही नहीं पड़ी होगी. हालांकि आज हम आपको  ये बताएंगे कि तिलक लगाने के बाद उसके ऊपर चावल क्यों लगाए जाते है. गौरतलब है कि पूजा के दौरान माथे पर कुमकुम का तिलक लगाते समय चावल के दाने भी ललाट पर जरूर लगाए जाते है. बरहलाल ऐसा क्यों किया जाता है, इसके पीछे की वजह भी आज हम आपको विस्तार से बताते है. अगर वैज्ञानिक दृष्टि की बात करे तो माथे पर तिलक लगाने से दिमाग में शांति और शीतलता बनी रहती है. इसके इलावा चावल को शुद्धता का प्रतीक माना जाता है. वही अगर शास्त्रों की बात करे तो चावल को हविष्य यानि हवन में देवी देवताओ को चढ़ाने वाला शुद्ध ...

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-"छोटी-छोटी बातों में आनंद खोजना चाहिए, क्योंकि बड़ी-बड़ी बातें तो जीवन में कुछ ही होती हैं।" -"यह आवश्यक नहीं कि हर लड़ाई जीती ही जाए। आवश्यक तो यह है कि हर हार से कुछ सीखा जाए। " -"एक मुँह और दो कान का अर्थ है कि हम अगर एक बात बोलें तो कम से कम दो बात सुनें भी। " -"कभी पीठ पीछे आपकी बात चले तो घबराना नहीं, क्योंकि बात तो उन्ही की है.. जिनमें वाकई कोई बात होती है। " -"इंसान को बोलना सीखने में तीन साल लग जाते हैं... लेकिन क्या बोलना है ये सीखने में पूरी जिदंगी लग जाती हैं।" -"लक्ष्य पर अड़े रहना चाहिए, मगर पथ लचीला रखना चाहिए। " -"कर्मों की आवाज शब्दों से भी ऊँची होती है। " -"जलो सिर्फ वहाँ जहाँ आपकी जरुरत हो..उजाले में चिरागों के मायने नहीं होते। " -"प्रकृति अपने दिए हुए कष्ट सहने की शक्ति भी देती है... लेकिन मनुष्य गलत निर्णय लेने के लिये बाध्य तब होता है जब कष्ट अपने तैयार किये हुए हों....। " -"देने के लिए दान, लेने के लिए ज्ञान, और त्यागने के लिए अभिमान सर्वश्रेष्ठ है। "...