4 प्राकृतिक चीज़ें जिन्हे हम नज़रअंदाज़ करते हैं पर वे हमारी ज़िन्दगी में सकारात्मक भूमिका निभाते हैं। - बेहतर ज़िन्दगी
हम लोग अपनी
ज़िन्दगी की भागदौड़ में इतना डूब चुकें हैं कि कहीं न कहीं हम जिस प्रकृति का हिस्सा हैं, उससे हमारा नाता टूट चूका हैं। प्रकृति से हम जितना दूर जा रहे हैं , उतना ही हम दिन प्रतिदिन नकरात्मकता एवं
उसके परिणामों जैसे तनाव आदि की ओर बढ़ रहें हैं।
पर प्रकृति ही
सकरात्मकता का सबसे बड़ा स्रोत हैं.. और जो प्रकृति से जितना ज्यादा जुड़ा हैं उतना उसमे
सकरात्मकता के रंगो की भरमार हैं।
ज़िन्दगी को
प्रकृति के साथ मिलकर फिर से सकरात्मक बनाना कोई मुश्किल काम नहीं, प्रकृति हमें आज भी आमंत्रण दे रही हैं कि हम ज़िन्दगी की व्यस्तता से समय निकाल कर उन प्राकृतिक
चीज़ों पर ध्यान दें जो हमारे आसपास हैं।
ऐसी ही चार चीज़ो की हम यहाँ बात करेंगे।
सूरज
सूरज ऊर्जा का
सबसे प्रमुख स्त्रोत हैं और हम सब की ज़िन्दगी में रोशनी भरने का भी.. क्या आपने सूर्योदय एवं
सूर्यास्त को देखा हैं? आपने कभी महसूस किएँ हैं वो रोशन पल! अब फिर से सूरज की किरणों को आप अपनी ज़िन्दगी में दाखिल होने दें और उनके द्वारा उत्पन्न जादू को अपने ज़िन्दगी में समा जाने दें।
चिड़ियों का
चहचहाना
याद करें कि कब
पिछली बार आपने फुर्सत से चिड़ियों को देखा था? अपने घर के आसपास नज़र डालें, कहीं किसी कोने में आपको चिड़ियाँ खिलवाड़ करते हुए मिल जाएगी, अपने आप में मगन, यहाँ वहां उड़ना। चिड़ियों का चहचहाना आपको प्रकृति के मधुर संगीत से परिचय करवाता हैं।
हवा
हवा का झोंका आपको
कितना सुकून देगा, यह आपको तब पता चलेगा जब कभी आप हवा को आँख बंद कर के महसूस करेंगे..
इसलिए जब हवा चले तो आप कुछ समय निकाल कर बाहर जाएँ और प्रकृति की इस अनुभूति को
महसूस करें।
बारिश
ऐसा कोई नहीं होगा
जिसके मन को बारिश प्रफ्फुलित न करती हो.. बादलों का आसमान को ढँकना, काले-सफ़ेद बादलों का यहाँ वहाँ उड़ना और फिर वह बारिश की पहली बूँदें जब आपके चेहरे पर पड़ती हैं तो ऐसा लगता
है कि इन बूंदों के साथ आपके मन से
नकरात्मकता का मैल भी उतर जायेगा।
तो यह हैं प्रकृति की वह चीज़ें जो आपके जीवन को खुशनुमा बनाती हैं। अब समय है प्रकृति से फिर जुड़ने
का.. अपने आप को फिर से सकरात्मकता की और ले जाने का।
अगर ये पोस्ट आपको अच्छी
लगी तो जरुर अपने दोस्तों के साथ साझा करे! धन्यवाद
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