क्या ज़िन्दगी आपको पागल कर रही है?

क्या ज़िन्दगी आपको पागल कर रही है? | Sadhguru Hindi

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आम तोर पर हम सभी एक ही साइज़ की खोपड़ी होती है | में महिलाऔ को छोड़ देता हु तो ज्यदातर इंसानों की खोपड़ी में पर्याप्त दिमाग होता है सभी  में सिवाय उनके जिनमे जन्म से ही गंमिर खराबी हो | लगभग सभी सामान्य इंसानों में वो होता है जो जीवन जीने के लिए जरुरी है | लेकिन फिर ऐसा क्यू होता है एक आदमी का दिमाग परतिभा से चमकता है और दुसरे आदमी का दिमाग भरा होता है दुःख, पीड़ा , तनाव , परेशानी , और ऐसे ही चीजो से वो सभी भंयकर चीजे है जो कोई नही चाहता है  लोगो के मन चलती रहती है| तो क्या ये उची बुधि की बात है | या किसी जादुई असर की वजह से है या फिर अपने अन्दर जरुरि संतुलन लाने की बात है ताकि जीवन का जादू आप को छु सके एक देडी बूधी चाहे बहार से कितनी सुन्दर हो स्मार्ट लगे इस जिदंगी को सुन्दर तरीके से नही चला सकती |
और संतुलन सबसे जरुरी है | हर इस्तर पर संतुलन | वर्ना हमारा अपना दिमाग हमारे खिलाप हो जायेंगे| एस हद तक आज दुनिया में आराम का एक ही विचार तरीका है या तो सो जाइए |
या शराब दृंग्स कोशीश बस इतनी है थोड़ी देर के लिए दिमाग से मुक्त हो जाये क्यों की दिमाग इतनी बड़ी मुसीबत बन गया है अगर दिमाग नही होता तो आप कम से कम शांत होत्ते .. हह ह्ह्ह है ना.. जिस चीज को विकसत होने में लाखो साल लगे आज वो परेशानी बन गयी है | इस शरीर में जो सबसे चमत्कारी चीज है वो दुःख पैदा करने के मशीन बन गये है इसके कई पहलु है में इसे इतना सीधा साधा नही बनाना चाहता पर सबसे बड़ी बात है सबसे महतवपूर्ण बात है संतुलन का होना ना होना, तो ये इंसानी सिस्टम जो इस धरती की सबसे बेहतरीन मशीन है अगर आप इस ध्यान ना दे अगर ये आपके खिलाप हो जाये तो इस दुनिया में कोई चीज नही है आपको बचा सके क्योंकि यंहा इतना जटिल कुछ भी नही है इसके जितना क्यों की ये ही विकास और जटिलता का सबसे उपरी इस्तर है अगर ये ही आपके खिलाप हो गये तो आप को कोई नही बचा पायेगा में चाहता ही की आप ये समझ ले | तो अगर इसे अपने खिलाप होने रोकना है और इसे पूरी तरह से समझना है तो एक खास इस्तर का ध्यान  देने की जरुरत होगी | लेकिन इसे संतुलित करने के लिए ज्यदा मेहनत नही लगेगी | बात सिर्फ इतनी सी है बुनियादी चीजे बिलकुल गलत कर रहे है बस इतनी सी बात है इसको पूरी तरह से जानने के लिए बहुत सारे ध्यान, समय, शिक्षा, सहायता , मार्गदर्सन और बहुत सारी चीजे चाहिए | लेकिन आपको में थोडा सा संतुलन लाने के लिए ज्यदा मेहनत नही लगती बस आप ज़िन्दगी कुछ बुनियादी चीजे गलत कर रहे है | बुनियादी चीजो से मेरा मतलब है एक बात सभी को समझ लेनी चाहिए सभी इंसानि अनुभव्  हमारे बितर पैदा होते है जब भी खुश, दुःख , आनद , परमानन्द भयकर दुख हो इससे फर्क नही पड़ता की क्या हो रहा है आपका अनुभव जो भी हो | अछा या बुरा बस इतना सा समझ पाना की ये भीतर से हो रहा है और सिर्फ बितर से पैदा हो सकता है या तो आप बहारी मदद ले सकते है या आप खुदी इसे
बना सकते है पर मूल रूप से ये भीतर ही पैदा होता है| अगर ये चीज एक चीज  आपने नही समझी दुखी होने पर आपको लगा की ये उसकी वजह से है तो आप गए काम से आप बस कीबोर्ड.. यंहा है आप दीवार को पीठ रहे है ये काम नही करेगा | ये बुनियादी गलती.. लगभग ..90 % लोग हमेसा क्या करते है|  जब वे दुखी होते है, वे सोचते है, ये इसकी वजह से है या उसकी वजह से या उसकी , उसकी..  नहीं सारे इंसानी अनुभव भीतर से ही पैदा होते है अगर कुछ बुरा महसूस हो रहा है तो सबसे पहले ये देखना होगा में इसके साथ गलत कर रहा हु क्या में खाना गलत खा रहा हु| क्या में सो गलत रहा हु, क्या खाना गलत रहा हु , ......
अब ज्याद जानकारी के लिए विडियो को हिंदी में देख सकते हो   




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