जिंदगी बेहतर बनाते है रिश्ते
रिश्ते वही नहीं होते जो घर-परिवार या दोस्तों से जुड़े होते हैं बल्कि जब हम अपने इस दायरे से बाहर निकलते हैं , तो कई ऐेसे रिश्ते भी जुड़ जाते हैं जो बहुत कम समय के लिए हमारी जिंदगी में आते हैं , फिर भी हमारी जिंदगी को बेहतर बनाने में उनका बड़ा योगदान होता है। सोचें यदि ये न होते तो जिंदगी कितनी मुश्किल हो जाती। सुख-दुख के हैं हम साथी अकेले रहना भारतीयों की फितरत में ही नहीं है।संयुक्त परिवारों का चलन टूटा तो दोस्तों से रिश्ते कायम हुए। घर से दूर कोई बसेरा बनाया तो पड़ोसियों का सहारा मिला।अकेले घर से निकले तो दोस्तों का कारवां जुड़ गया और रहने की समस्या आई तो पी.जी. आंटी से मां का आंचल मिल गया। घर पर ही रहते हुए अकेलापन सताने लगा तो अपने जैसे लोगों का साथ तलाश कर लिया , मौज-मस्ती के आलम में भी भावनाओं का दामन थाम लिया। मां-बाप की तरह प्यारे , भाई-बहनों की तरह दुलारे ये रिश्ते जिनसे हमारा खून का रिश्ता नहीं होता , ये एक दिन उनसे भी बढ़ कर हो जाते हैं। परिवार तो हमारे दिलों में बसा होता है परंतु ये रिश्ते जिंदगी में शामिल हो जाते हैं और सुख...