Posts

Showing posts with the label child behaviour

छोटी मोटी समस्याओं के लिए 20 घरेलु उपचार

Image
छोटी मोटी समस्याओं के लिए 20 घरेलु उपचार  * कांच या कंकर खानेके साथ पेट में जाने पर ईसबगोल भूसी गरम दूध के साथ तीन समय सेवन करें।  * घाव न पके, इसलिए गरम मलाई (जितनी गरम सहन कर सकें) बांधें। * तुतलापन दूर करने के लिए रात को सोने से पांच मिनट पूर्व दो ग्राम भुनी फिटकरी मुंह में रखें। * बच्चों का पेट दर्द होने पर अदरक का रस, पांच ग्राम तुलसी पत्र घोटकर, औटाकर बच्चों को तीन बार पिलाएं। * सर्दियों में बच्चों की सेहत के लिए तुलसी के चार पत्ते पीसकर 50 ग्राम पानी में मिलाएं। सुबह पिलाएं। * आमाशय का दर्द तुलसी पत्र को चाय की तरह औटाकर सुबह-सुबह लेना लाभदायक।  * सीने में जलन हो तो पावभर ठंडे जल में नीबू निचोड़कर सेवन करें। * शराब ज्यादा पी ली हो तो छह माशा फिटकरी को पानी/दूध में मिलाकर पिला दें या दो सेबों का रस पिला दें।  * अरहर के पत्तों का रस पिलाने से अफीम का नशा कम हो जाता है। * आधी छटांक अरहर दाल पानी में उबालकर उसका पानी पिलाने से भांग का नशा कम हो जाता है। * केला हजम करने के लिए दो छोटी इलायची काफी होती है। * आम ज्यादा खा लिए हों तो हजम करने के लिए थोड़ा सा नमक

बच्चों को पढ़ाने का 5 सही तरीका

Image
बच्चों को पढ़ाने का 5 सही तरीका किसी भी पेरेंट्स के लिए सबसे मुश्किल का काम होता है, अपने बच्चों को पढ़ाना। क्योंकि, बच्चों को पढ़ाना किसी टास्क से कम नहीं होता है। ऐसे में एक पेरेंट्स होने के नाते आपकी यह जिम्मेदारी बनती है कि, एक बच्चे को कैसे पढ़ाया जाए, और उसके सही तरीके आपको मालूम होने चाहिए। आमतौर पर पेरेंट्स पढ़ाई के दौरान अपने बच्चों की पिटाई करते हैं, ताकि वह डर से पढ़ाई कर सके। लेकिन, यह तरीका बेहद गलत है, क्योंकि मारने-पीटने से बच्चे और जिद्दी हो जाते हैं। image credit hindi.yourstory.com वीडियो की मदद से - अपने छोटे बच्चों को पढ़ाने का यह तरीका बेहद सही है, क्योंकि बच्चे कविताओं वाले वीडियो की मदद से जल्दी सीखते हैं। बाजार में इस तरह के वीडियो बहुत उपलब्ध हैं, ऐसे में अपने बच्चों को इसके जरिए याद करा सकते हैं।  रंग-बिरंगी किताबें - अगर आपका बच्चा बहुत छोटा है तो उसे फोटो वाली रंग-बिरंगी किताबें खरीद कर दें। क्योंकि, बच्चे उन तस्वीरों को देख कर अच्छे से याद कर सकते हैं, और इसका एक फायदा यह भी होगा कि आपके बच्चे उन चीजों को दुबारा आसानी से पहचान सकते हैं। बच्

बच्चों को लेकर राइट बिहेवियर Vs रॉन्ग बिहेवियर

Image
सारे पैरंट्स की चाहत होती है कि वे अपने बच्चों को बेहतरीन परवरिश दें। वे कोशिश भी करते हैं, फिर भी ज्यादातर पैरंट्स बच्चों के बिहेवियर और परफॉर्मेंस से खुश नहीं होते। उन्हें अक्सर शिकायत करते सुना जा सकता है कि बच्चे ने ऐसा कर दिया, वैसा कर दिया... इसके लिए काफी हद तक पैरंट्स ही जिम्मेदार होते हैं क्योंकि अक्सर किस हालात में क्या कदम उठाना है, यह वे तय ही नहीं कर पाते। किस स्थिति में पैरंट्स को क्या करना चाहिए और क्यों, बता रही हैं प्रियंका सिंह : image credit cdn.theconversation.com  1. बच्चा स्कूल जाने/पढ़ाई करने से बचे तो...  क्या करते हैं पैरंट्स पैरंट्स बच्चे पर गुस्सा करते हैं। मां कहती हैं कि तुमसे बात नहीं करूंगी। पापा कहते हैं कि बाहर खाने खिलाने नहीं ले जाऊंगा, खिलौना खरीदकर नहीं दूंगा। थोड़ा बड़ा बच्चा है तो पैरंट्स उससे कहते हैं कि कंप्यूटर वापस कर, मोबाइल वापस कर। तुम बेकार हो, तुम बेवकूफ हो। अपने भाई/बहन को देखो, वह पढ़ने में कितना अच्छा है और तुम बुद्धू। कभी-कभार थप्पड़ भी मार देते हैं। क्या करना चाहिए - वजह जानने की कोशिश करें कि वह पढ़ने से क्यों बच रह