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लाल प्याज से Thyroid का चमत्कारिक उपचार

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लाल प्याज से Thyroid का चमत्कारिक उपचार थायराइड की समस्या आजकल एक गंभीर समस्या बनी हुई है। थायराइड मानव शरीर मे पाए जाने वाले एंडोक्राइन ग्लैंड में से एक है। थाइराइड गर्दन के सामने और स्वर तंत्र के दोनों तरफ होती है। यह थाइराक्सिन नामक हार्मोन बनाती है जिससे शरीर के ऊर्जा क्षय, प्रोटीन उत्पादन एवं अन्य हार्मोन के प्रति होने वाली संवेदनशीलता नियंत्रित होती है। थायराइड तितली के आकार की होती है। थायराइड दो तरह का होता है। हाइपरथायराइडिज्म और हाइपोथायराइड। पुरूषों में आजकल थायराइड की दिक्कत बढ़ती जा रही है। थायराइड में वजन अचानक से बढ़ जाता है या कभी अचानक से कम हो जाता है। इस रोग में काफी दिक्कत होती है। थायराइड को साइलेंट किलर माना जाता है, क्‍योंकि इसके लक्षण व्‍यक्ति को धीरे-धीरे पता चलते हैं और जब इस बीमारी का निदान होता है तब तक देर हो चुकी होती है। इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी से इसकी शुरुआत होती है लेकिन ज्यादातर चिकित्‍सक एंटी बॉडी टेस्ट नहीं करते हैं जिससे ऑटो-इम्युनिटी दिखाई देती है। आमतौर पर शुरुआती दौर में थायराइड के किसी भी लक्षण का पता आसानी से नहीं चल पाता,

बुद्धि के आगे शक्ति भी परस्त

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बुद्धि के आगे शक्ति भी परस्त एक घने जंगल में एक बड़ा सा नाग रहता था। वह चिड़ियों के अंडे, मेढ़क तथा छिपकलियों जैसे छोटे-छोटे जीव-जंतुओं को खाकर अपना पेट भरता था। रातभर वह अपने भोजन की तलाश में रहता और दिन निकलने पर अपने बिल में जाकर सो जाता। धीरे-धीरे वह मोटा होता गया, हालत यह हो गई कि वह इतना मोटा हो गया कि बिल के अंदर-बाहर आना-जाना भी दूभर हो गया। आखिरकार, उसने बिल को छोड़कर एक विशाल पेड़ के नीचे रहने की सोची, लेकिन वहीं पेड़ की जड़ में कई सारी चींटियां थीं और उनके साथ का रहना नाग के लिए असंभव था।  वह नाग उन चींटियों से बोला - ‘‘मैं सर्पराज नाग हूं, इस जंगल का राजा। मैं तुम चींटियों को आदेश देता हूं कि यह जगह छोड़कर चले जाओ।’’ चींटियों ने नाग की इस धमकी पर कोई ध्यान न दिया। वे पहले की तरह अपने काम-काज में जुटी रहीं। नाग ने यह देखा तो उसका क्रोध बढ़ गया। वह गुस्से में बांबी के निकट जा पहुंचा। यह देखा हजार-हजार चींटियां उस बांबी से निकल पड़ी और नाग से लिपटकर उसके शरीर पर काटने लगीं। नाग ने चींटियों को हटाने की बहुत कोशिश की लेकिन असफल रहा। कुछ ही देर में उसने वहीं

सिर्फ 1 दिन ये बैलेंस्ड डाइट फॉलो करें, रातों-रात होगा इससे ये 1 चमत्कार

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सिर्फ 1 दिन ये बैलेंस्ड डाइट फॉलो करें, रातों-रात होगा इससे ये 1 चमत्कार • - फल और सब्जी को खाएं, न कि रस के रूप में पीएं • - कार्बस आपकी हेल्दी डाइट में अहम भूमिका निभाता है • - फैट से एनर्जी मिलती है जब भी डाइट की बात आती है, तो लोग ‘कम खाने’ और ‘फैट पर प्रतिबन्ध’ लगाते हैं। लेकिन मेरा ऐसा मानना है कि हमें खुद के शरीर को हानि न पहुंचाते हुए सही और बैलेंस डाइट लेनी चाहिए। ज़रूरी है सही तरीके और खाने की सही मात्रा को अपने हेल्दी लाइफस्टाइल में शामिल करने की। एक बैलेंस्ड डाइट क्या होती है? ऐसी डाइट, जिसमें आपके शरीर को हर तरह के न्यूट्रीयंट्स मिल सके। इसमें मैक्रोन्यूट्रीयंट्स जैसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स और फैट मौजूद हो। साथ ही माइक्रोन्यूट्रीयंट्स जैसे विटामिन्स और मिनरल्स शामिल हों। हर चीज़ को अपना एक कार्य होता है, जो तरह-तरह के बॉडी फंक्शन्स को नियंत्रण में रखने के लिए ज़रूरी होता है। न्यूट्रीयंट्स के ये कॉम्बिनेशन पांच तरह के फूड ग्रुप से बनता है- फल और सब्जियां, सीरियल और पल्सिज़, मीट और दूध उत्पाद और फैट और तेल। रूल काफी आसान है, लेकिन केवल यही प

अलसी ऐक चमत्कारी आैषधी

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अलसी ऐक चमत्कारी आैषधी विविध नाम :- अलसी, फ्लेक्स सीड्स, लिन सिड्स वगैरा उसके नाम हैं।  दोस्तो अलसी से सभी  परिचित होंगे लेकिन उसके चमत्कारी फायदे से बहुत ही कम लोग जानते हैं।  अलसी शरीर को स्वस्थ रखती है व आयु बढ़ाती है। अलसी में 23 प्रतिशत ओमेगा-3 फेटी एसिड, 20 प्रतिशत प्रोटीन, 27 प्रतिशत फाइबर, लिगनेन, विटामिन बी ग्रुप, सेलेनियम, पोटेशियम, मेगनीशियम, जिंक आदि होते हैं।  अलसी में रेशे भरपूर 27% पर शर्करा 1.8% यानी नगण्य होती है। इसलिए यह शून्य-शर्करा आहार कहलाती है और मधुमेह रोगियों के लिए आदर्श आहार है। ब्लड शुगर अगर किसीको ब्लड शुगर, (डायाबिटिज) की तकलीफ है तो आपके लिये अलसी किसी वरदान से कम नहीं है। सुबह खाली पेट २ चमच अलसी लेकर, २ ग्लास पानी मे उबालै जब आधा पानी बचे तब छानकर पियें। थाईराईड सुबह खाली पेट २ चमच अलसी लेकर २ ग्लास पानी में उबालै जब आधा पानी बचे तब छानकर पियें।  यह दोनो प्रकार के थाईराईड मे बढिया काम करती है। हाटँ ब्लोकेज  ३ महिना अलसी का काढा उपर बताई गई विधि के अनुसार करने से आपको ऐन्जियोप्लास्टि कराने की जरुरत नहीं पडती।

दोस्तों परिवार है तो जीवन मे हर खुशी, खुशी लगती है अगर परिवार नही तो किससे अपनी खुशियाँ और गम बांटोगे.

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दोस्तों परिवार है तो जीवन मे हर खुशी, खुशी लगती है अगर परिवार नही तो किससे अपनी खुशियाँ और गम बांटोगे. एक पार्क मे दो बुजुर्ग बातें कर रहे थे.... पहला :- मेरी एक पोती है, शादी के लायक है... BE किया है, नौकरी करती है, कद - 5"2 इंच है.. सुंदर है कोई लडका नजर मे हो तो बताइएगा.. दूसरा :- आपकी पोती को किस तरह का परिवार चाहिए...?? पहला :- कुछ खास नही.. बस लडका ME /M.TECH किया हो, अपना घर हो, कार हो, घर मे एसी हो, अपने बाग बगीचा हो, अच्छा job, अच्छी सैलरी, कोई लाख रू. तक हो... दूसरा :- और कुछ... पहला :- हाँ सबसे जरूरी बात.. अकेला होना चाहिए.. मां-बाप,भाई-बहन नही होने चाहिए.. वो क्या है लडाई झगड़े होते है... दूसरे बुजुर्ग की आँखें भर आई फिर आँसू पोछते हुए बोला - मेरे एक दोस्त का पोता है उसके भाई-बहन नही है, मां बाप एक दुर्घटना मे चल बसे, अच्छी नौकरी है, डेढ़ लाख सैलरी है, गाड़ी है बंगला है, नौकर-चाकर है.. पहला :- तो करवाओ ना रिश्ता पक्का.. दूसरा :- मगर उस लड़के की भी यही शर्त है की लडकी के भी मां-बाप,भाई-बहन या कोई रिश्तेदार ना हो... कहते कहते उनका गल

अच्छी नींद लेने के लिए करे कुछ एसी ख़ास डाईट

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अच्छी नींद लेने के लिए करे कुछ एसी ख़ास डाईट रात में आप क्या खाती है इस बात पर आपकी नींद निर्भर करती है | दरअसल आसानी से पचने वाला खाना और खाने में मोजूद कुछ तत्वों का असर नींद पर पड़ता है | खाने में कुछ एसी डाईट रखी जाए तो अच्छी नींद आ सकती है |  पॉपकॉर्न               हमारे दिमाग में नींद बढाने वाले न्यूरोट्रांसमीटर सीरोटोनिकको बडाने में पॉपकॉर्न सहायक होता है | इससे नींद आती है | इसमे आयल या बटर का इस्तेमाल किया जा सकता है |  शहद           गुनगुने दूध या हर्बल चाय में थोड़ी सी मात्रा शहद की मिलाने से भी अच्छी नींद आती है | शहद में उपस्थित ग्लूकोज की हल्की मात्रा दिमाग को न्यूरोट्रांसमीटर ओरेक्सिन को बंद करने का संकेत देती है | यह अलर्टनेस का कारक होता है |  केला         कार्बोहाइड्रेट से भरपूर केला ट्रिप्टोफेन बनाने में मदद करता है जो मेलाटोनिन उत्पन्न करने में सहायक होता है | यह हार्मोन दिमाग को रिलेक्स करता है | साथ ही इसमे मैग्नीशियम होता है जो मसल्स और नसों को भी आराम पहुचाता है | और अच्छी नींद आती है | दलिया             हल्का होने की वजह से

आयुर्वेद से होता है हर बीमारी का इलाज

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आयुर्वेद एस ऐसा इलाज है, जो आपकी हर परेशानी और समस्या को जड़ से खत्मकई लोगों को एलोपैथी दवाई चुस्त-दुरुस्त कर देती है, तो कई लोग इनसे मिलने वाली सुस्ती से परेशान हो जाते हैं।  कभी-कभार एलोपैथी दवाइयां अपना असर दिखाने में नाकामयाब भी रहती हैं। और बीमार व्यक्ति को और परेशान करती है। करने में मदद करता है। हम में से कई लोग अपने घरों में आयुर्वेद को फर्स्ट एड बॉक्स मानते हैं। इसमें हर उस बीमारी को खत्म करने की शक्ति होती है, जो शायद कोई और में नहीं। बुखार हो या खांसी-जुकाम, बदन दर्द हो या पेट की कोई खराबी या फिर कोई अन्य सामान्य समस्या, आपके घर का ये केमिस्ट आपको हर दवाई मुहैया करवाता है। वे लोग जिन्हें एलोपैथी ज्यादा भाती नहीं है या उन्हें राहत देने में अक्षम पड़ जाती है, ऐसे में वे आयुर्वेद के पास कुछ ऐसे नुस्खे हैं, जो आपको बहुत ही जल्द बीमारियों से छुटकारा दिलवा सकते हैं। इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जिनका नियमित सेवन आपको बीमार होने ही नहीं देगा। तो चलिए जानते हैं आयुर्वेद के खजाने से निकले कुछ खास नुस्खे।  जोड़ों का दर्द और तेल लगी कच्ची रोटी आजकल की जीवनशैली में लोगों का