एक मेहनती आदमी : कहानी

अपने काम से परिवार के लिए समय निकालो : एक कहानी 
एक आदमी था जो बहुत
ही मेहनती था. वो अपने परिवार
की living support के लिए ब्रेड बेचने का काम
करता था.
मेहनती आदमी 

 उसकी एक पत्नी और
तीन बच्चे थे. वो उन्हें बहुत चाहता था.
वो सारा दिन काम करने के बाद रात को पढाई करने के लिए
classes जाता था. वो चाहता था की उसे एक
अच्छी और better job मिल जाये. ताकि वो अपने
परिवार को सारी खुशिया और
अच्छी lifestyle दे सके.
इसमें कुछ बुरा भी नहीं था. हर
व्यक्ति यही चाहता है की उसे और
उसके परिवार को कोई कमी न रहे. वो रात दिन
बहुत मेहनत करता.
पर इस बीच वो अपने परिवार को बिलकुल
भी समय नहीं दे पता था.
जब भी उसके परिवार वाले उसे शिकायत करते
की वो उन्हें समय नहीं देता.
तो वो यही कहता की मैं ये सब तुम
सब के लिए ही तो कर रहा हूँ.
वो भी हमेशा अपने परिवार के साथ
रहना चाहता था. पर उसे उसके काम इसका अवसर
नहीं देते.
अब आखिर वो दिन आ ही गया, जब उसके
results announce होने वाले थे.
उसकी उम्मीद के मुताबिक, वो बहुत
ही अच्छे marks से paas हुआ. और कुछ
ही समय बाद उसे एक बहुत
अच्छी job भी मिल गयी.
एक सपने की तरह सबकुछ साकार हो गया था.
अब वो व्यक्ति अपने परिवार
को छोटी छोटी कीमत
दिला सकता था, जैसे अच्छे कपडे, अच्छा घर,
अच्छी education आदि.
पर अब भी उसका परिवार उसके साथ समय spend
नहीं कर पाता था. वो बहुत मेहनत करने लगा,
इस लक्ष्य से की उसे manager का पद मिल
जाये.
फिर से जब परिवार की शिकायते आने
लगी तो उसने
यही कहा की ये सब वो उनके लिए
ही कर रहा है.
वो भी अपनी इच्छा को दबा ह
उसकी मेहनत रंग लायी, और उसे
promotion मिला. जब सबकुछ अच्छा होने लगा. तो उसने
अपनी पत्नी की मदद के
लिए घर पर एक नौकरानी रख ली. उसे
अपने तीन कमरे का घर भी अपने बड़े
होते परिवार के लिए छोटा लगा. इसलिए उसने एक बड़ा घर लिया.
अब तक वो कई बार अपनी मेहनत का फल प्राप्त
कर चुका था. इसलिए उसने और
भी ऊँची position के लिए कार्य
करना आरंभ कर दिया. पर उसके परिवार
को अभी भी उसका पूरा साथ
नसीब नहीं हो रहा था. यहाँ तक
Sunday की छुट्टी में
भी उसे अपने ऑफिस में रहना होता था. फिर
भी जब भी उसका परिवार उससे रूठ कर
शिकायत करता. तो उसके पास यही जवाब
होता की वो ये सब उनके लिए ही कर
रहा हैं. वो भी अपने परिवार के साथ समय
बिताना चाहता था. पर ये हो नहीं पाता था.
फिर से उस व्यक्ति की मेहनत रंग
लायी, उसने अपनी मेहनत से
Singapore में एक घर ख़रीदा, फिर एक रात
Sunday को उसने अपने परिवार को कहा की अब
वो कोई काम नहीं करेगा. अब से सारा समय उसके
परिवार के लिए होगा. ये सुनकर सभी बहुत खुश
हुए. सभी के मन में
मस्ती की लहर उठ
कड़ी हुई. अपने पति और पिता के साथ
सभी समय बिताना चाहते थे.
पर दूसरे दिन पिता बिस्तर से उठ नहीं सके,
वो हमेशा के लिए चले गए थे.
कहानी का आशय
यह है की हमें
जो समय मिला है, वो कब
पूरा हो जाये इसका हमें
अंदाज़ा भी नहीं है.
कार्य के स्थान पर कार्य है. पर
हमें अपने
अपनों को भी किसी भ
नहीं भूलना चाहिए.
चाहे उनके लिए
कितनी ही मेहनत
क्यों न करे. उनके लिए
भी आपका साथ
उतना ही महत्वपूर्ण
हैं.
अपनी जिंदगी का हर
पल जिए. अपने परिवार और
अपने प्यार के साथ.


अपने काम से परिवार के लिए समय निकालो : एक कहानी  

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