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Showing posts from February, 2016

वास्तु टिप्स

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वास्तु टिप्स वास्तु टिप्स हमारे आस-पास बहुत कुछ ऐसा घटित होता है। जिसे हम न चाहते हुए भी नकार नहीं सकते ऐसे में कुछ वास्तु टिप्स आजमाकर आप इन परिस्थितियों से सामना कर एक बेहतर जिंदगी जी सकते हैं। यहां कुछ ऐसे ही वास्तु टिप्स दिए जा रहे हैं जिनसे हम अपने घर , भूमि और अपनी दिनचर्या को बेहतर बना सकते हैं।     घर के द्वार के सामने मंदिर , खंभा व गड्डा शुभ नहीं माने जाते हैं।     धन कि तिजोरी का मुंह उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।     सीढ़ियों के नीचे पूजा घर , शौचालय व रसोई घर नहीं बनाना चाहिए।     घर के नैऋत्य भाग में किरायदारों और अतिथियों को नहीं ठहराना चाहिए।     घर का बाहरी सामान नैऋत्य कोण , दक्षिण या पश्चिम में रखना चाहिए।     घर का हल्का सामान उत्तर , पूर्व व ईशान में रखना चाहिए।     घर के वायव्य कोण में अतिथि घर , कुंवारी कन्याओं का शयन कक्ष , ड्राइंग रूम , सीढ़ियां या अन्न भंड़ार गृह बनबाए जा सकते हैं।     कोशिश करें कि खिड़कियां उत्तर या ...

जिंदगी बेहतर बनाते है रिश्ते

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रिश्ते वही नहीं होते जो घर-परिवार या दोस्तों से जुड़े होते हैं बल्कि जब हम अपने इस दायरे से बाहर निकलते हैं , तो कई ऐेसे रिश्ते भी जुड़ जाते हैं जो बहुत कम समय के लिए हमारी जिंदगी में आते हैं , फिर भी हमारी जिंदगी को  बेहतर बनाने में उनका बड़ा योगदान होता है।  सोचें यदि ये न होते तो जिंदगी कितनी मुश्किल हो जाती।   सुख-दुख के हैं हम साथी   अकेले रहना भारतीयों की फितरत में ही नहीं है।संयुक्त परिवारों का चलन टूटा तो दोस्तों से रिश्ते कायम हुए। घर से दूर कोई बसेरा बनाया तो पड़ोसियों का सहारा मिला।अकेले घर से निकले तो दोस्तों का कारवां जुड़ गया और रहने की समस्या आई तो पी.जी. आंटी से मां का आंचल मिल गया। घर पर ही रहते हुए अकेलापन सताने लगा तो अपने जैसे लोगों का साथ तलाश कर लिया , मौज-मस्ती के आलम में भी भावनाओं का दामन थाम लिया। मां-बाप की तरह प्यारे , भाई-बहनों की तरह दुलारे ये रिश्ते जिनसे हमारा खून का रिश्ता नहीं होता , ये एक दिन उनसे भी बढ़ कर हो जाते हैं।   परिवार तो हमारे दिलों में बसा होता है परंतु ये रिश्ते जिंदगी में शामिल हो जाते हैं और सुख...

11 साल का ये बच्चा स्कूल चलाता है, 100 से भी ज्‍यादा बच्‍चे पढ़ने आते हैं

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11 साल का ये बच्चा स्कूल चलाता है , 100 से भी ज्‍यादा बच्‍चे पढ़ने आते हैं आमतौर पर स्‍कूल से आने के बाद हर बच्‍चा टीवी पर कार्टून देखता है , खेलने चला जाता है या फिर अपना होमवर्क करने में बिजी हो जाता है. लेकिन उत्‍तर प्रदेश के लखनऊ में एक ऐसा भी बच्‍चा है जिसकी आदतें आम बच्‍चों से जुदा हैं. लखनऊ का रहने वाला 11 साल का आनंद कृष्‍ण मिश्रा वह बच्‍चा है जो स्‍कूल के बाद खेलने या कार्टून देखने की बजाय दूसरे बच्‍चों को पढ़ाना पसंद करता है. आनंद एक स्‍कूल चलाता है , जिसमें 100 से भी ज्‍यादा बच्‍चे पढ़ने आते हैं. आनंद हर शाम अपने गांव के पास एक बाल चौपाल लगाता है और बच्‍चों को पढ़ाता है. आनंद के पास पढ़ने आने वाले बच्‍चे उन्‍हें ' छोटा मास्‍टर जी ' कहकर बुलाते हैं. बाल चौपाल की कक्षा में हर रोज किताबों से पाठ पढ़ाने के साथ-साथ बच्चों को नैतिकता का शिक्षा भी सिखाई जाती है. आनंद अपनी क्‍लास की शुरुआत ' हम होंगे कामयाब ' गीत के साथ करता है और क्‍लास के आखिर में राष्ट्रीय गान गाया जाता है. अपनी इस सेवा के लिए 7 वीं कक्षा के आनंद को ' सत्यपथ ब...

संतरे बेच करा दिया गरीब बच्चों के लिए स्कूल का निर्माण; अब कॉलेज बनाने की तैयारी

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कर्नाटक में मेंगलोर के रहने वाले हरेकला हजब्बा यूं तो कहने के लिए अनपढ़ हैं , लेकिन समाज में ज्ञान का प्रकाश फैला रहे हैं।   डेक्कन क्रॉनिकल में छपी रिपोर्ट   के मुताबिक , पिछले 30 साल से संतरे बेचकर अपना गुजारा चलाने वाले हजब्बा ने पाई-पाई जोड़कर अपने गांव में गरीब बच्चों के लिए एक स्कूल का निर्माण करा दिया है। यही नहीं , अब वह एक कॉलेज बनाने का सपना पूरा करना चाहते हैं।   हजब्बा मेंगलोर से करीब 25 किलोमीटर दूर हरेकला में नई पप्ड़ु गांव के रहने वाले हैं। वह स्थानीय लोगों के लिए किसी संत से कम नही हैं। यही वजह है कि उन्हें यहां अक्षरा सांता (अक्षरों के संत) के नाम से जाना जाता है। हजब्बा का जन्म एक बेहद गरीब परिवार में हुआ था। शुरू में उन्होंने बीड़ी बनाने का काम किया। पर कहते हैं कि हौसला इंसान की सबसे बड़ी ताक़त है। हजब्बा ने तब संतरा बेचना शुरू किया तो लगा कि जैसे उनके जीवन जीने का मकसद ही बदल गया। हजब्बा कहते हैं “ मैं कभी स्कूल नहीं गया। बचपन में ही ग़रीबी ने मुझे संतरे बेचने के लिए मजबूर कर दिया। एक दिन मैं दो विदेशियों से मिला , जो  कुछ संतर...

भविष्य बताने वाला मंदिर- उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में स्थित भगवान जगन्नाथ

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आश्चर्यजनक किन्तु सत्य _ यह मंदिर 7 दिन पहले ही दे देता है, बारिश होने की सुचना __ भारत एक ऐसा देश है जो आश्चर्यो से भरा हुआ है। इस देश के हर राज्य के हर शहर के कोने-कोने में कोई न कोई अदुभुत जगह मौजूद है। ऐसी ही एक जगह है उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में स्थित भगवान जगन्नाथ का मंदिर इस मंदिर की विशेषता यह है की यह मंदिर बारिश होने की सुचना 7 दिन पहले ही दे देता है। आप शायद यकीन न करे पर यह हकीकत है। यह मंदिर कानपुर जनपद के भीतरगांव विकासखंड मुख्यालय से तीन किलोमीटर पर बेंहटा गांव में स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर की खासियत यह है कि बरसात से 7 दिन पहले इसकी छत से बारिश की कुछ बूंदे अपने आप ही टपकने लगती हैं। हालांकि इस रहस्य को जानने के लिए कई बार प्रयास हो चुके हैं पर तमाम सर्वेक्षणों के बाद भी मंदिर के निर्माण तथा रहस्य का सही समय पुरातत्व वैज्ञानिक पता नहीं लगा सके। बस इतना ही पता लग पाया कि मंदिर का अंतिम जीर्णोद्धार 11वीं सदी में हुआ था। उसके पहले कब और कितने जीर्णोद्धार हुए; इसका निर्माण किसने कराया जैसी जानकारियां आज भी अबूझ पहेली बनी हुई हैं लेकिन बारिश की...

हर रोज कितने मात्रा में Vitamin B12 लेना चाहिए ?

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में विभिन विटामिन्स ,   मिनरल्स ,   प्रोटीन्स ,   कार्बोहाइड्रेट्स और फाइबर इत्यादि की आवश्यकता होती हैं। शरीर के लिए ज्यादातर आवश्यक तत्वों का पोषण आहार पदार्थो से हो जाता हैं। एक विटामिन ऐसा है जो शरीर के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरुरी है परन्तु आहार तत्वों में वह पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध न होने से ज्यादातर भारतीय लोगो में इस विटामिन की कमी पायी जाती हैं। इस विटामिन का नाम हैं -   Vitamin B12 Vitamin B12   को   Cobalamin   भी कहा जाता हैं। यह एकलौता ऐसा विटामिन है जिसमे   Cobalt   धातु पाया जाता हैं। यह शरीर के स्वास्थ्य और संतुलित कार्य प्रणाली के लिए बेहद आवश्यक विटामिन हैं। Vitamin B12   की कमी से   शरीर को क्या नुकसान होता हैं और किन खाद्य पदार्थो में यह मिलता हैं इसकी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं : Vitamin B12   का शरीर में क्या महत्त्व हैं   ? Vitamin B12   शरीर में निम्नलिखित कार्यो के लिए जरुरी होता हैं : ·         Vita...