वास्तु टिप्स

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वास्तु टिप्स
हमारे आस-पास बहुत कुछ ऐसा घटित होता है। जिसे हम न चाहते हुए भी नकार नहीं सकते ऐसे में कुछ वास्तु टिप्स आजमाकर आप इन परिस्थितियों से सामना कर एक बेहतर जिंदगी जी सकते हैं। यहां कुछ ऐसे ही वास्तु टिप्स दिए जा रहे हैं जिनसे हम अपने घर, भूमि और अपनी दिनचर्या को बेहतर बना सकते हैं।


   
घर के द्वार के सामने मंदिर, खंभा व गड्डा शुभ नहीं माने जाते हैं।

   
धन कि तिजोरी का मुंह उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।

   
सीढ़ियों के नीचे पूजा घर, शौचालय व रसोई घर नहीं बनाना चाहिए।

   
घर के नैऋत्य भाग में किरायदारों और अतिथियों को नहीं ठहराना चाहिए।

   
घर का बाहरी सामान नैऋत्य कोण, दक्षिण या पश्चिम में रखना चाहिए।

   
घर का हल्का सामान उत्तर, पूर्व व ईशान में रखना चाहिए।

   
घर के वायव्य कोण में अतिथि घर, कुंवारी कन्याओं का शयन कक्ष, ड्राइंग रूम, सीढ़ियां या अन्न भंड़ार गृह बनबाए जा सकते हैं।

   
कोशिश करें कि खिड़कियां उत्तर या पूर्व में अधिक तथा दक्षिण या पश्चिम में कम बनाएं।

   
भवन की प्रत्येक मंजिल में छत की ऊंचाई 12 फुट रखनी चाहिए।

   
दीवारों की मोटाई सबसे ज्यादा दक्षिण में, उससे कम पश्चिम में, उससे कम उत्तर में, सबसे कम पूर्व में रखें।

   
बेसमेंट की ऊंचाई कम से कम 9 फीट तल से ऊपर हो ताकि प्रकाश और हवा आ-जा सके।

 
Source ¦¦agency


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