अपनी सोच
अगर तुम उड़ नहीं सकते ...तो, दौड़ो ! अगर तुम दौड़ नहीं सकते ...तो, चलो ! अगर तुम चल नहीं सकते ...तो, रेंगो ! पर रूको नहीं... बस आगे बढ़ते रहो....समय की तरह... अपनी सोच और दिशा को समय के साथ साथ बदलते भी रहो... देखना सफलता आपका जरूर स्वागत करेंगी... कयोकि "यह मायने नहीं रखता कि ... आप कितने तेज़ चल रहे है ,जब तक आप रुके नहीं । भागने में Risk है, रुके रहने में तो उससे भी बड़ा Risk है तो करना क्या है? धीरे धीरे चलते रहना है । न भागना है न रुकना है ...बस चलते रहना है ।"