अब हर दिन जीवन का जश्न मनाइए...
मित्रो ! एक प्रश्न पर विचार कीजिए, Life में आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण क्या है? आपके दिमाग में जो- जैसे अच्छी Job, मकान, स्वास्थ्य, परिवार, Bank Balance, बड़ी गाड़ी, नौकर-चाकर, बड़ा व्यवसाय, समाज में पहचान वगैरह- वगैरह..। किन्तु क्या कभी आपने सोचा है, कि हमारे बीच में ही तमाम ऐसे लोग मौजूद हैं जिनके पास इस सूची से भी ज्यादा सुख- सुविधाएं उपलब्ध हैं। फिर भी उनके चेहरे पर चिंता की लकीरें स्पष्ट देखी जा सकतीं हैं। वे बिना थके दिन रात निरंतर मेहनत करते जाते हैं। सफलता के नित नए पैमाने गढ़ते जाते हैं। एक लक्ष्य को प्राप्त करने के बाद दूसरा लक्ष्य, फिर तीसरा, चौथा और इसी तरह जीवन में आगे बढ़ने की भूख में सब कुछ भुला देना। कभी-कभी हमें लगता है कि पैसे से हर खुशी हासिल की जा सकती है। स्वयं को कामयाब सिद्ध करने के चक्कर में हम अपने स्वास्थ्य, अपने शौक, समाज, प्रेम और प्राकृतिक सौंदर्य के साथ ही कितनी ही अन्य महत्वपूर्ण खुशियों की बलि चढ़ा देते हैं। पहले पैसा कमाने के लिए स्वास्थ्य और खुशियों को दांव पर लगाते हैं, फिर इन्हें पाने के लिए पैसा खर्च करते हैं। क्या इसी का नाम Success है? क्या यही जिंदगी है? जो जवाब आएं उन्हे एक कागज पर लिखते जाइए। इस प्रकार संभव है आपके पास उन चीजों की एक लंबी सूची तैयार हो जाए, जिन्हें आप अपने जीवन में सर्वाधिक महत्वपूर्ण मानते हैं।
♠ सफलता का आनंद कब ?
कामयाबी हासिल करने के लिए जुनूनी होने में कोई बुराई नहीं हैं। आप दिन रात मेहनत करिए, रोजाना नई- नई ऊँचाइयों को छूइए। किन्तु इस सब के बीच में स्वयं को खो देना कहां तक बुद्धिमानी है? इस संबंध में चीन के प्रसिद्ध Business Man और Alibaba Group के संस्थापक ‘Jack Ma’ का यह कथन उल्लेखनीय है “Life is so short, so beautiful. Don’t be so serious about work. Enjoy the lives.” हम अक्सर सोचते हैं कि पहले सफल हो जाते हैं, उसके बाद सफलता का आनद लेंगे। किन्तु ध्यान रहे यह ‘बाद’ कभी नहीं आता। एक के बाद एक नई कामयाबी की दिशा में हम आंखे मूँदे आगे बढ़ते जाते हैं। इस तरह जीवन में आगे बढ़ते- बढ़ते एक दिन अचानक ही हमें महसूस होता है कि वक्त हमारे हाथ से ऐसे फिसलता जा रहा है जैसे बंद मुट्ठी में से रेत। जीवन के उस पड़ाव पर हमें पता चलता है कि अब हमारे पास हर वो चीज है जिसे हम हासिल करना चाहते थे। किन्तु यह सब कमाने में ही सारा जीवन निकल गया, सफलताओं का लुत्फ उठाने के लिए समय ही नहीं बचा। अरे अब क्या करें? खुशियाँ तो हैं पर उन्हें बांटने वाला कोई नहीं हैं। इतिहास गवाह है, बड़े- बड़े सम्राटों और विजेताओं के साथ जीवन के अंतिम क्षणों में ऐसा ही हुआ। जिसे पाने की ख़्वाहिश में उन्होने सारा जीवन लगा दिया, अंत में वही निरर्थक हो जाता है। अत: हर एक पल खुलकर जीना सीखो। बीता हुआ एक क्षण भी वापस नहीं आता। हर एक लम्हा महत्वपूर्ण है, उसे जाने मत दो, जी भरकर जिओ। सफलता एक अंतहीन यात्रा है इसके मार्ग पर हाँफते हुए चलने में मज़ा नहीं, बल्कि झूम कर बांसुरी बजाते हुए चलने में ही आनंद है।
हम उम्मीदों, अपेक्षाओं और इच्छाओं का बोझ उठाए हुए कराहते- कराहते ज़िंदगी की डगर पर आगे बढ़ते रहते हैं। भूतकाल में हुई अनअपेक्षित घटनाओं को लेकर हमारा मन व्यथित रहता है और हम गुस्सा अथवा पछतावे की भावना में जकड़े रहते हैं। इसके साथ ही, आने वाले कल को लेकर भी चिंतित रहते हैं और अनावश्यक तनाव व दबाव में जीते हैं। इस सब का असर हमारे कार्य-कलापों और व्यक्तित्व पर स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगता है। जिसका दुष्प्रभाव हमारे परिवेश और Family के लोगों पर तो पड़ता ही है, साथ ही हमारी कार्यकुशलता और उत्पादन- क्षमता पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है। जिसके कारण हमारे जीवन में रोज नई-नई चुनौतियाँ खड़ी होने लगती हैं। ज़िंदगी में आनंद और उत्साह कम होने लगता है। Health Problems होने लगतीं हैं। समय से पहले ही उम्र का असर दिखने लगता है। हम भूल जाते हैं कि जो हो गया उसे बदला नहीं जा सकता। जो पल बीत गया उसे दुनियाँ की कोई भी शक्ति वापस नहीं ला सकती और आने वाले किसी भी क्षण को हम उसके निर्धारित समय से पहले खींच कर वर्तमान में नहीं ला सकते। हमारा नियंत्रण सिर्फ अभी और इसी पल अर्थात वर्तमान पर ही है। इसलिए जो बीत गया अर्थात हमारा अतीत और जो अभी आया ही नहीं अर्थात Future की चिंता में आज के खूबसूरत लमहों को क्यो बर्बाद और बेरंग किया जाए?
"जो बीत गया सो बीत गया, उसके लिए अब क्यों रोते हो।
धुंधले अतीत की छाया में उजले कल को क्यों खोते हो। ”
महान वैज्ञानिक ‘Edison’ के इस कथन से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए वे कहते हैं “मैंने अपने जीवन में एक भी दिन काम नहीं किया, ये सब मनोरंजन था।” हजारों आविष्कार करने वाले और दुनिया को इतना सब कुछ देने वाले शख्स के इन शब्दों का सीधा सा अर्थ है कि हमें जीवन को इतना गंभीर और बोझिल नहीं बना देना चाहिए कि हम हँसना ही भूल जाएँ। जब आप भूत – भविष्य की अनावश्यक चिंता छोड़कर Present में जीने लगेंगे तो आपका अंदरूनी और बाहरी व्यक्तित्व खुद-ब-ख़ुद खिल उठेगा।
♠ हर पल खुल कर जियो:
साथियो! ज़िंदगी बहुत छोटी, अनिश्चित और क्षण-भंगुर है। अत: इसका एक-एक पल अनमोल है। उसे यूं ही मत जाने दो। क्या पता, भगवान का दिया हुआ यह खूबसूरत उपहार दोबारा मिले ना मिले। इससे पहले कि देर हो जाए, जीवन का आनंद उठाना शुरू कर दीजिए। अपनी छोटी- छोटी सफलताओं पर इठलाइए, खुशियाँ मनाइए। हर उपलब्धि पर स्वयं को शाबासी दीजिए। Personal और Professional life में संतुलन बनाए रखिए। अपने प्रियजनों और परिवार के लिए वक्त निकालिए। सप्ताह में एक दिन काम से छुट्टी लीजिए और अपने मनपसंद स्थान पर घूमने जाइए, मधुर संगीत सुनिए, अपने शौक को पूरा कीजिए। कामयाबी, ऊंचे ओहदे और बड़ी-बड़ी सफलताओं के नाम पर जीवन की महत्वपूर्ण खुशियों को नजर अंदाज मत कीजिए। प्रसिद्ध विचारक और लेखक ‘दीपक चोपड़ा’ ने एक जगह लिखा है “सफलता में अच्छी सेहत, जीवन के लिए ऊर्जा और उत्साह, परिपूर्ण रिश्ते, रचनात्मक स्वतंत्रता, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक स्थिरता, अच्छा होने का एहसास और मन की शांति भी शामिल है।” आखिर, संतुलन बनाने का नाम ही तो ज़िंदगी है। जो जितनी कुशलता से यह संतुलन बना लेता है, जीवन में वह उतना ही सफल और प्रसन्न रहता है। जब रंगों का उचित संतुलन होता है तभी एक खूबसूरत पेंटिंग बनती है। इसी तरह जीवन में भी संतुलन हो तो इसे अधिक खूबसूरत बनाया जा सकता है। यदि आप ऐसा करने में सफल होते हैं तो आपकी तमाम समस्याएं, समस्या नहीं रहेंगी। आपके अंदर मुस्कराते हुए उनका सामना करने की शक्ति आ जाएगी। जीवन खुशियों से भर जाएगा। आपको अधिक संतुष्टि और आत्म सम्मान की अनुभूति होगी।
♠ जीवन का उद्देश्य :
मानव जीवन का उद्देश्य क्या है? हम दिन-रात मेहनत क्यों करते हैं? इस लेख के आरंभ में मैंने आपके जीवन में सर्वाधिक महत्व रखने वाली वस्तुओं की जो सूची बनाने के लिए कहा था, अब उस पर एक बार फिर से एक नजर डालिए और सोचिए उन वस्तुओं से हमें क्या हासिल होगा? क्यों चाहिए वे हमें? इस प्रश्न का सर्वाधिक उपयुक्त Answer हो सकता है प्रसन्नता, सुकून और प्रेम। बेशक, समय के साथ सफलता का अर्थ बदलता रहता है किन्तु फिर भी मानव जीवन का प्रमुख लक्ष्य होता है, खुशी और संतुष्टि प्राप्त करना। इसके लिए ही हम अनेक साधन जुटाते हैं। क्या आपको नहीं लगता कि हर सफलता के पीछे यही प्रमुख उद्देश्य होता है? अत: जब भी अवसर मिले दिल खोलकर खुशी मनाइए, अन्यथा और लंबी सूची बनाने के चक्कर में, जो है उसका भी आनंद उठाने से वंचित रह जाएंगे। प्रसिद्ध आध्यात्मिक चिंतक, प्रेरक वक्ता और लोकप्रिय पुस्तक Unposted Letter के लेखक ‘Mahatria Ra’ कहते हैं “जीवन में खुश रहने का फैसला करो। खुश रहने को अपने जीने का तरीका बनाओ।” आपकी सूची लंबी हो या छोटी, उससे कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए। जो है, जितना है, जब भी है, जैसा भी है उसके साथ ही हर पल जीवन का जश्न मनाइए ।