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Showing posts with the label संस्कार और समझ

संस्कार

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🔥 *संस्कार*  एक घर मे तीन भाई और एक बहन थी...बड़ा और छोटा पढ़ने मे बहुत तेज थे। उनके मा बाप वैसे तो उन चारो से बेहद प्यार करते थे , मगर मंझले बेटे से थोड़ा परेशान से थे। बड़ा बेटा पढ़ लिखकर डाक्टर बन गया। छोटा भी पढ लिखकर इंजीनियर बन गया। मगर मंझला बिलकुल अवारा और गंवार बनके ही रह गया सबसे बड़े बेटे और सबसे छोटे बेटे की शादी हो गई । और बहन का भी विवाह हो गया । बहन की शादी भी अच्छे घराने मे हुई थी। आखिर उसके दो भाई डाक्टर इंजीनियर जो थे। लेकिन मंझले को कोई लड़की नहीं मिल रही थी। बाप भी परेशान था और मां भी परेशान थी। बहन जब भी मायके आती सबसे पहले छोटे भाई और बड़े भैया से मिलती। मगर मंझले से कम ही मिलती थी। क्योंकि वह न तो कुछ दे सकता था और न ही वह जल्दी घर पे मिलता था। वैसे वह दिहाडी मजदूरी करता था। पढ़ नहीं सका तो...नौकरी कौन देता। मझले की शादी किए बिना पिताजी गुजर गये । माँ ने सोचा कहीं अब बँटवारे की बात न निकले इसलिए अपने ही गाँव से एक सीधी साधी लड़की से मझले की शादी करवा दी। शादी होते ही न जाने क्या हुआ की मंझला बड़े लगन से काम करने लगा । दोस्तों ने कहा... ए चन्दू आज

लालच का बुरा परिणाम

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एक गांव में एक किसान रहता था। उसकी सारी ज़मीन पिछले 2-3 सालों से सूखे की मार झेल रही थी और वो पूरी तरह सूख चुकी थी। सर्दी का मौसम आ चुका था। किसान पेड़ के नीचे आराम कर रहा था। तभी उसकी नज़र पास बने बिल पर गई, वहां एक सांप अपना फन उठाए बैठा था। किसान के मन में एक बात आई कि यह सांप तो सालों से यही रहता होगा, लेकिन मैंने इसकी कभी पूजा नहीं की और शायद यही वजह है कि मेरी सारी ज़मीन सूख गई है। किसान ने ठान लिया कि मैं हर रोज़ सांप की पूजा किया करूंगा। किसान एक कटोरे में दूध ले आया और बिल के पास रखकर कहने लगा - “हे नागराज, मुझे नहीं पता था कि आप यहां रहते हैं, इसलिए मैंने कभी आपकी पूजा नहीं की। मुझे क्षमा करें, अब से मैं रोज़ आपकी पूजा करूंग।” सुबह देखा, तो उस दूध के कटोरे में कुछ चमक रहा था। पास जाकर किसान ने देखा, तो वह सोने का सिक्का था। अब तो यह रोज़ का सिलसिला हो गया था। किसान रोज़ सांप को दूध पिलाता और उसे सुबह एक सोने का सिक्का मिलता। एक दिन किसान को किसी काम से दूसरे गांव जाना पड़ा, तो उसने अपने बेटे को रोज़ सांप को दूध पिलाने को कहा। किसान के बेटे ने वैसा ही किया। अगली सुबह उसे

एक मोटिवेशन कहानी

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एक व्यक्ति अपने गधा को लेकर शहर से लौट रहा था । गलती से वह गधा पैर खिसकने के कारण सीधे एक गहरे गढ़े में गिर गया । उसे निकलने के लिए उस व्यक्ति ने पूरा कोशिश किया परन्तु वह उस गधे को निकाल नहीं पाया । जब उस व्यक्ति को लगा की उसके गधे को उस गढ़े से निकालना अब असंभव हैं उसने उसे जिन्दा ही मिटटी से ढक देने का सोचा और वह ऊपर से मिटटी डालने लगा । बहुत देर तक मिटटी डालने के बाद वह इंसान पास ही अपने घर चले गया । पर ढेर सारी मिटटी डालने के कारण वह गधा अपने ऊपर गिरे हुए मिटटी की मदद से धीरे-धीरे उस पर अपना पैर रख-रख कर उस गढ़े के ऊपर जिन्दा चढ़ आया । अगले दिन जब वह व्यक्ति सुबह उठा तो उसने देखा उसका गधा उसके घर के बहार ही खड़ा था । यह करिश्मा देखकर वह व्यक्ति स्तम्भ रहे गया ।   इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें कभी भी हार नहीं मानना चाहिए और बार-बार कोशिश करना चाहिए । यदि आपके पास है कोई दिलचस्प कहानी या फिर कोई ऐसी कहानी जिसे दूसरों तक पहुंचना चाहिए, तो आप हमें लिख भेजें zindagibehtar@gmail.com पर। साथ ही सकारात्मक, दिलचस्प और प्रेरणात्मक कहानियों के लिए हमसे फेसबुक और ट्व

कपिल शर्मा ने ढूंढ लिया सुनील ग्रोवर का ऑप्शन, नकली नहीं यह 'असली लड़की' करेगी कॉमेडी

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कपिल शर्मा से हुए झगड़े के बाद सुनील ग्रोवर ने कपिल के इस शो से दूरी बनाने का पूरी तरह मन बना लिया है और सुनील के इस रुख को देखते हुए चैनल ने भी अब सुनील के विकल्‍पों को ढूंढने की तैयारी कर ली है. बुधवार को सोनी टीवी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर यह जानकारी दी गई है कि जल्‍द ही इस शो से एक नया कालाकर जुड़ने वाला है, लेकिन यह कलाकार कौन होगा, इसके बारे में अभी तक सिर्फ कयास ही लगाए जा रहे थे. इस राज से पर्दा हम उठा रहे हैं. कपिल के इस शो में सुनील ग्रोवर अक्‍सर महिला किरदारों में लोगों को हंसाते हुए नजर आते थे. लेकिन अब एक असली लड़की लोगों को हंसाती नजर आएगी. दरअसल इस शो में जल्‍द ही दिग्‍गज कॉमेडियन जॉनी लीवर की बेटी जैमी लीवर नजर आने वाली हैं. एनडीटीवी खबर डॉट कॉम को 'द कपिल शर्मा शो' से जुड़े सूत्रों ने बताया कि बुधवार को हुई कपिल शर्मा के इस कॉमेडी शो की शूटिंग पर जैमी भी मौजूद थीं और उन्‍होंने इस शो के लिए शूटिंग की है. आपको बता दें कि जैमी कपिल शर्मा की पहली बॉलीवुड फिल्‍म 'किस किस को प्‍यार करूं' में भी नजर आ चुकी हैं. जैमी ने इस फिल्‍म में कपिल

ज़िन्दगी के पाँच सच

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ज़िन्दगी के पाँच सच जो आप जानना चाहोगे सच नं. 1 -: माँ के सिवा कोई वफादार नही हो सकता …!!!   सच नं. 2 -: गरीब का कोई दोस्त नही हो सकता सच नं. 3 -: आज भी लोग अच्छी सोच को नही , अच्छी सूरत को तरजीह देते हैं …!!! सच नं. 4 -: इज्जत सिर्फ पैसे की है , इंसान की नही …!!! सच न. 5 -: जिस शख्स को अपना खास समझो …. अधिकतर वही शख्स दुख दर्द देता है …!!! गीता में लिखा है कि .. ..... अगर कोई इन्सान बहुत हंसता है , तो अंदर से वो बहुत अकेला है अगर कोई इन्सान बहुत सोता है , तो अंदर से वो बहुत उदास है अगर कोई इन्सान खुद को बहुत मजबूत दिखाता है और रोता नही , तो वो अंदर से बहुत कमजोर है अगर कोई जरा जरा सी बात पर रो देता है तो वो बहुत मासूम और नाजुक दिल का है अगर कोई हर बात पर नाराज़ हो जाता है तो वो अंदर से बहुत अकेला और जिन्दगी में प्यार की कमी महसूस करता है लोगों को समझने की कोशिश कीजिये , जिन्दगी किसी का इंतज़ार नही करती , लोगों को एहसास कराइए की वो आप के लिए कितने खास है!!! 1. अगर जींदगी मे कुछ पाना हो तो ,,, तरीके बदलो..... , ईरादे नही.. 2. जब सड़क पर बारात नाच रही हो

सलेक्शन चाहते हैं तो ये कहानी जरुर पढ़ें, जिंदगी बदल जाएगी

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सलेक्शन चाहते हैं तो ये कहानी जरुर पढ़ें, जिंदगी बदल जाएगी Success image credit siddarthrajsekar एक राज्य में एक रिवाज था. राज्य में राजा की नियुक्ति सिर्फ पांच साल के लिए ही होती थी. राजा के गद्दी संभालने के पांच साल बाद नए राजा का चुनाव होता था. पुराने राजा को राज्य की नदी के उस पार जंगल में भेज दिया जाता. नए राजा का दिल से स्वागत-सत्कार किया जाता और दूसरे को जंगल में विदा कर दिया जाता. पुराना राजा जंगल में दो-चार दिन डरा-डरा सा, सहमा हुआ घूमता. बाद में किसी जंगली जानवर का शिकार हो जाता. गांव में नए राजा की नियुक्ति की भी अजीब प्रथा थी. गांव के सभी लोग उस दिन इक्कठ्ठे होते और हाथी की सूंड में फूलों का हार थमा देते. हाथी जिसे उस हार को पहनाता वो शख्स अगले पांच साल तक जंगल का राजा चुन लिया जाता. पद मिलने के बाद राजा बना शख्स फूला नहीं समाता और अगले पांच साल तक जमकर भोग-विलास करता. इतनी भव्यता और ऐश-ओ-आराम के बाद जब पांच साल बाद उसे जंगल जाने के लिए भेजा जाता तो वो जाने के लिए तैयार नहीं होता. लेकिन परंपरा के मुताबिक उसे जबरदस्ती रस्सी से बांधकर, घसीटकर, मार-पीटकर खुं

इसे कहते है सजीविता अहसास

आजकल हर किसी के पास ओपिनियन है.. स्मार्टनेस की लड़ाई में मैटर कोई भी हो बीच में कूदने वालों की कमी नही.. सब बोलना चाहते हैं.. सब एक्सप्रेसिव् हो गए हैं.. ऐसा लगता है मानो ज्ञान की गंगा बह चली हो.. पर सब बकवास है.. किसी को कुछ नहीं आता.. मुझे तो नींद भी नहीं आती.. तुम्हें तो रोना भी नहीं आता.. उसे तो हँसना भी नहीं आता.. दर्द बाँटना नहीं आता.. निर्जीव कार के स्क्रैच का बदला लोग सजीव सर फोड़ के लेते हैं.. किसी को मारने नहीं आता , किसी को बचाने नहीं आता.. सुना किसी की मौत करोड़ों में बिकी है.. चौबीस घंटे से एक लाश पड़ी है पुल पर.. उठाने तो दूर , उसे देखने भी कोई भी नहीं आता.. मुझे आजकल लोगों के मिजाज पसंद आने लगे हैं.. कोई कुछ बताने नहीं आता तो कोई कुछ पूछने भी नहीं आता.. लिखता हूँ फिर लकीरें मिटाता हूँ , लिखना भी नहीं आता मिटाना भी नहीं आता.. चलो मान लिया तुम्ही ठीक हो , पर तुम्हे भी तो सर झुकाना नहीं आता मुझे गिरना नहीं आता , तुम्हें सम्भलना नहीं आता.

क्या आपको पता है कैसे बनती है बिजली?

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बिजली के बारे में एक मजेदार चुटकुला है। जब अमेरिका में बिजली जाती है , तो लोग गिनीज बुक देखते हैं कि पिछली बार कौन से सन में गई थी। जब अफगानिस्तान में बिजली आती है , तो लोग मिठाई बांटते हैं। और जब भारत में बिजली जाती है , तो लोग छत पर चढ़ कर देखते हैं। अगर पड़ोसी के घर आ रही है , तो टेन्शन बढ़ जाता है। ऐसा कैसा हुआ ? लेकिन अगर उसकी भी गई , तब खुश होकर कहते हैं- चिंता की कोई बात नहीं , जब आना होगा , आएगी। ये तो था चुटकुला। अब आते हैं बिजली पर वापस। बिजली आज हमारे जीवन में कितना महत्व रखती है , यह किसी से छुपा नहीं है। पर क्या आपको पता है कि बिजली बनती कैसे है ? क्या कहा , नहीं पता ? कोई बात नहीं। आपको इस विषय पर जानकारी दे रही हैं श्रीमती पूनम मिश्रा जी। हमें आशा ही नहीं , बल्कि विश्वास है कि आपको यह रोचक जानकारीपरक लेख अवश्य पसंद आएगा। हम सब लोग हर दिन देखते हैं की एक स्विच दबाने से कैसे तुरंत बिजली जल जाती है. लेकिन यह बिजली कैसे बनती , कैसे हमारे घरों तक पहुँचती है , क्या यह जानने की इच्छा कभी हुई है ? बिजली बनाने के पीछे जो नियम है वह है चुम्बक के चलने पर बिजली क

माँ बाप दोराहे पर~ बच्चे चौराहे पर !! संस्कार और समझ

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आज के दौर में जब भी अपने चारों और नज़र डालता हूँ तो अपने अनजाने future की तरफ   बेतहाशा भागते हुए मशीनी   बच्चों और नौजवानों को देख कर अजीब सा महसूस होता है ,  competition के इस दौर में बच्चे एक robot की तरह से नज़र आने लगे हैं , जो की एक मकसद के लिए ही program किये गए हैं , बड़ी से बड़ी post हासिल करना और बड़ी से बड़ी डिग्री हासिल करना ,   और इन सब के बीच एक चीज़ लगातार ग़ायब होती जा रही है और वो है उनके संस्कार , और social values के बारे में जानकारी!   जो तहज़ीब और values हमारे बुजुर्गों में थी और लगभग हमारी पीढ़ी तक आने के बाद अब शायद एक बड़ा   gap सा आ गया है ,  और इस gap को बढ़ने में कहीं न कहीं एक माँ बाप के रूप में हम भी इसके कुसूरवार हैं , क्योंकि जो तहज़ीब , संस्कार और social values हमें अपने बुजुर्गों से विरासत में मिली थी हम उनको आगे बढाने में नाकाम होते जा रहे हैं , और इसकी वजह साफ़ तौर पर इस भागम भाग और मार काट वाली प्रतियोगिता ही है !   बचपन में परिवारों में बुज़ुर्ग और माँ बाप अपने बच्चों को motivational stories सुनाते थे , बच्चों को अच्छी अच्छी कहानियां और किस्से सुना