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दही में नमक डाल कर न खाऐं

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कभी भी आप दही को नमक के साथ मत खाईये . दही को अगर खाना ही है, तो हमेशा दही को मीठी चीज़ों के साथ खाना चाहिए, जैसे कि चीनी के साथ, गुड के साथ, बूरे के साथ आदि. इस क्रिया को और बेहतर से समझने के लिए आपको बाज़ार जाकर किसी भी साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट की दूकान पर जाना है, और वहां से आपको एक लेंस खरीदना है. अब अगर आप दही में इस लेंस से देखेंगे तो आपको छोटे-छोटे हजारों बैक्टीरिया नज़र आएंगे. ये बैक्टीरिया जीवित अवस्था में आपको इधर-उधर चलते फिरते नजर आएंगे. ये बैक्टीरिया जीवित अवस्था में ही हमारे शरीर में जाने चाहिए, क्योंकि जब हम दही खाते हैं तो हमारे अंदर एंजाइम प्रोसेस अच्छे से चलता है. *हम दही केवल बैक्टीरिया के लिए खाते हैं. * दही को आयुर्वेद की भाषा में जीवाणुओं का घर माना जाता है. अगर एक कप दही में आप जीवाणुओं की गिनती करेंगे तो करोड़ों जीवाणु नजर आएंगे. अगर आप मीठा दही खायेंगे तो ये बैक्टीरिया आपके लिए काफ़ी फायेदेमंद साबित होंगे. *वहीं अगर आप दही में एक चुटकी नमक भी मिला लें तो एक मिनट में सारे बैक्टीरिया मर जायेंगे और उनकी लाश ही हमारे अंदर जाएगी जो कि किसी काम नहीं आएग

कैसे सड़े कैले को फिर से फ्रेश किया जा सकता है

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यह बहुत उपयोगी है क्योंकि आप देख सकते हैं कि सड़े केले फिर से फ्रेश कैसे हो सकते है ! चाoवल के एक बैग में भूरा केला छड़ी। यह कुछ नमी को छूटेगा, जैसे आप इसे गीला सेलफोन के साथ उदाहरण के लिए ये पूरा विडियो देखो |

आयुर्वेद ओषधि से क्या क्या लाभ होते है

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आयुर्वेद ओषधि से लाभ आयुर्वेद किसी भी बीमारी को ठीक करने का या हेल्थ ठीक रखने का एक ऐसा तरीका है जो कि कई सालों से इस्तेमाल किया जा रहा है और अब तो विदेशों में भी इसका चलन बढ़ गया है और विदेशी भी इसकी ओर रुख कर रहे हैं। आज हम आपको किसी बीमारी के इलाज के लिए टिप्स नहीं दे रहे हैं, बल्कि हम आपको कुछ ऐसे टिप्स दे रहे हैं, जिसे आप हर रोज अपनाकर बीमारियों से दूर रह सकते हैं। खाना खाने के तुरंत बाद कभी भी पानी नहीं पीना चाहिए और पानी हमेशा खाना खाने के 40 मिनट बाद ही पीना चाहिए। साथ ही खाने से करीब 45 मिनट पहले पानी पीना चाहिए। – अगर आप कमर दर्द से परेशान हैं तो अश्वगंधा चूर्ण और सौंठ चूर्ण बराबर मात्रा में मिला लें और इसमे से आधा चम्मच चूर्ण सुबह साम गुनगुने पानी से सेवन करें। ऐसा करने से कमर दर्द में लाभ होता है। – जोड़ो का दर्द होने पर हल्दी मेथी दाना और सौंठ 100-100 ग्राम की मात्रा में लेकर चूर्ण कर लें और इन्हें मिलाकर 1-1 चम्मच नाश्ते व शाम के खाने के बाद गुनगुने पानी से लें। इसके सेवन से जोड़ो के दर्द, गठिया, कमर दर्द आदि में फायदा मिलता है। – अगर आप घुटनों के दर

पपीता लौटाएगा लंबे घने बाल

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पपीता लौटाएगा लंबे घने बाल अगर आप अपने बालों को लंबा घना और काला बनाने के तरह तरह के तरीके अपनाकर थक चुके हैं तो हम बताते हैं आपको इसका रामबाण इलाज जो आपकी समस्या को खत्म कर देगा. रूखे और बेजान बाल आपकी खूबसूरती में बट्टा लगा देते हैं. बालों को ठीक करने के लिए आपको किसी कॉस्मेटिक की नहीं बल्कि आपके फ्रीज में पडे़ पपीते को इस्तेमाल में लाने की जरूरत है. कहा जाता हैं कि पपीते में पपाइन नाम का एक एंजाइम होता है. यह एंजाइम आपके बालों को जडों से मजबूत कर उन्हें लंबा और खूबसूरत बनाता है. आज हम आपको पपीते से बनने वाले कुछ हैर मास्क बताने जा रहे हैं. इन्हें आप रसोई में मौजूद सामग्री के साथ आसानी से तैयार कर सकते हैं. पपीता और दही से बनाएं हेयर मास्क - पपीते और दही का यह मास्क आपके बालों को मुलायम बनाएगा. साथ ही सर की खुजली से भी छुटकारा दिलाएगा. इस मास्क को तैयार करने के लिए कटोरी में पपीता डालें फिर उसमें 2 चम्मच दही मिलाएं. दोनों चीजों को मिलाकर एक मुलायम पेस्ट तैयार करें. फिर इस पूरे मास्क को अपने बालों में लगाकर उन्हें एक साफ तौलिए से लपेटें. पैक को बालों में एक घंटे

जानिये फल खाने का सही तरीका

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जानिये फल खाने का सही तरीका 1) फलों को खाली पेट खाना चाहिएसाधारणतया जब आप फल खाते हैं तो शरीर इनके पोषक तत्वों को पचाने के लिए एंजाइम बनाता है। अब यदि आप खाली पेट फल खाते हैं तो शरीर को इन्हें पचाने में कम समय लगेगा और सभी पोषक तत्व आसानी से अवशोषित कर लिए जाएँगे। इसलिए, अब आपको शायद जवाब मिल गया कि फल कब खाने चाहिए। 2) ज्यादा खाना खाने के बाद फल ना खाएं यदि आप खाने के बाद फल खाना चाहते हैं तो 2 से 3 घंटे के अंतराल के बाद खाएं। भारी या अच्छी तरह खाना खाने के बाद फल खाने से उन्हें पचाने में परेशानी होती है। इसलिए इससे पेट में जलन या भारीपन महसूस होता है और इससे अपच और डकार से संबन्धित समस्याएँ पैदा होती हैं। 3) फल खाने का सही समय क्या है?आपने जाना कि फल कब नहीं खाने चाहिए? फल कब खाने चाहिए? नूट्रिशनिस्ट का मानना है कि फलों का सबसे ज्यादा फायदा सुबह खाली पेट खाने से मिलता है। या फिर इन्हें नाश्ते और लंच के बीच अंतराल रखकर खाएं। 4) आप फल कैसे खा सकते हैं? आपने जान लिया कि फल कब खाने चाहिए अब यह जानना भी जरूरी है कि फल कैसे खाएं। यदि आप डाइट पर हैं तो फलों को सलाद के रू

गर्भावस्‍था में स्‍मोकिंग से बच्चे को अस्‍थमा का खतरा!

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एक्‍सपर्ट की मानें तो गर्भावस्था में धूम्रपान से बच्चे को अस्थमा होने का खतरा हो सकता है। दूषित वातावरण के कारण यह बीमारी किशोरों, वयस्कों या अन्य लोगों को भी हो सकती है। व्यक्ति जहां रहता है यदि वहां का वातावरण धूल और गंदगी भरा हो तो दमा होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है। इसके अलावा घर की कुछ वस्तुएं जिनसे रोगी को एलर्जी होती हो या एलर्जी के अन्य कारक जैसे कॉकरोच, जानवरों के बालों की रूसी तथा फफूंद भी अस्थमा होने के कारण हो सकते हैं। कुछ विशिष्ट प्रकार के वायरस के कारण भी अस्थमा हो सकता है। सांस की तकलीफ का जड़ से सफाया करता है ये आयुर्वेदिक उपाय! विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि आनुवांशिक या अन्य वजह जैसे घर के पालतू जानवर, बाहर का वायु प्रदूषण, सुगंधित सौन्दर्य प्रसाधन, सर्दी, फ्लू, ब्रोंकाइटिस, साइनोसाइटिस का संक्रमण, धूम्रपान, व्यक्ति विशेष को कुछ विशेष खाद्य पदार्थों से एलर्जी, महिलाओं में हार्मोनल बदलाव एवं कुछ विशेष प्रकार की दवाएं भी अस्थमा का कारण बन सकती हैं। यह बीमारी किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। जब किसी व्यक्ति के श्वसन के रास्ते में सूजन आ जाती है तो श्वसन

कोन कैसा होता है ? आपका सचा दोस्त पढिये इस कहानी को जानिए सची दोस्ती की

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एक बेटे के अनेक मित्र थे जिसका उसे बहुत घमंड था। पिता का एक ही मित्र था लेकिन था सच्चा । एक दिन पिता ने बेटे को बोला कि तेरे बहुत सारे दोस्त है उनमें से आज रात तेरे सबसे अच्छे दोस्त की परीक्षा लेते है। बेटा सहर्ष तैयार हो गया। रात को 2 बजे दोनों बेटे के सबसे घनिष्ठ मित्र के घर पहुंचे, बेटे ने दरवाजा खटखटाया, दरवाजा नहीं खुला,बार-बार दरवाजा ठोकने के बाद अंदर से बेटे का दोस्त उसकी माताजी को कह रहा था माँ कह दे मैं घर पर नहीं हूँ।यह सुनकर बेटा उदास हो गया, अतः निराश होकर दोनों लौट आए। फिर पिता ने कहा कि बेटे आज तुझे मेरे दोस्त से मिलवाता हूँ। दोनों पिता के दोस्त के घर पहुंचे। पिता ने अपने मित्र को आवाज लगाई। उधर से जवाब आया कि ठहरना मित्र, दो मिनट में दरवाजा खोलता हूँ। जब दरवाजा खुला तो पिता के दोस्त के एक हाथ में रुपये की थैली और दूसरे हाथ में तलवार थी। पिता ने पूछा, यह क्या है मित्र। तब मित्र बोला....अगर मेरे मित्र ने दो बजे रात्रि को मेरा दरवाजा खटखटाया है, तो जरूर वह मुसीबत में होगा और अक्सर मुसीबत दो प्रकार की होती है,या तो रुपये पैसे की या किसी से विवाद हो गया हो।