बुजुर्गों से अपने रिलेशनशिप को इन 4 तरीकों से कर सकते हैं मजूबत

लाइफस्टाइल डेस्कः बच्चा रोता नजर आए, परेशान दिखे तो माता- पिता घबरा जाते हैं। ज्यादा देर सोया रहे और रोने की आवाज न आए तो कई बार जाकर उसे देखते हैं। थोड़ा बड़ा हो और चलने लगे तो हर कदम पर उसके साथ कि कहीं गिर न जाए। घर का ऐसा छोटा-मोटा सामान जिससे उसे चोट पहुंच सकती है वो हटा दिया जाता है। वजह क्योंकि वह आप पर निर्भर रहता है। अधिक उम्र में माता- पिता या दादी को भी आपके इसी सहारे की जरूरत होती है। जिन्होंने कभी आपके हर कदम को संभाला, क्या आप भी उनका उतना ख्याल रख पाते हैं?

65 वर्ष से अधिक उम्र के एक तिहाई लोगों को हर साल गिरने से चोट लगती है। ये रिस्क उम्र के साथ बढ़ने लगती है। घर बनवाते वक्त उनकी जरूरतों का ख्याल रखा जाना चाहिए। ये हमारा काम होता है कि हम उनका ध्यान रखें। उनकी जरूरत और आराम के मुताबिक अपने घर में बदलाव करके उनके लिए अपनी केयरिंग को दिखाकर रिलेशनशिप को और मजबूत किया जा सकता है।
बच्चों की तरह ही है इन्हें भी आपकी जरूरत
ख्याल रखना
परिवार में बुजुर्ग बीमार है चलने में सक्षम नहीं है तब उनका ध्यान अपने छोटे बच्चे की तरह रखें। कई बातें वो हिचकिचाहट के कारण बोल नहीं पाते तो उन्हें समझने की कोशिश करें। बिजी शेड्यूल से थोड़ा वक्त निकालकर उनकी केयर करें क्योंकि इस वक्त उन्हें सबसे ज्यादा आपकी जरूरत होती है। उस दौर का हमेशा याद रखें जब पेरेंट्स आपकी बिना कही बातों को भी बड़ी आसानी से समझ लेते थे।
Other tips: जरूरत को समझें, अनदेखी न करें, अकेलापन न महसूस हो।
जरूरत को समझें
घर में अगर कोई बूढ़ा व्यक्ति है तो उसे ऐसा कमरा दे सकते हैं जहां से वो आपके नजदीक हों। अगर ऐसा संभव नहीं तो उन्हें कॉर्डलेस बेल दें जिससे जरूरत पड़ने पर वे आपको बुला सकें। सीढ़ियों वाले कमरे से उन्हें उतरने-चढ़ने में परेशानी हो सकती है। बुढ़ापे में ज्यादातर लोग जोड़ों की समस्या से परेशान होते हैं इसलिए इसका खास ध्यान रखना चाहिए।
अनदेखी न करें
उनके दर्द और बातों की यह कहकर अनदेखी न करें कि इस उम्र में कुछ न कुछ परेशानी तो रहेगी ही। हम सभी को इस अवस्था से गुजरना है इसलिए उनकी तकलीफ को समझें और जिस तरह के भी ट्रीटमेंट की जरूरत हो उसे कराएं। समय-समय पर उनका हेल्थ चेकअप कराते रहें। जिससे कोई परेशानी आगे न बढ़ने पाएं। अगर आप बिजी हैं तो घर में उनकी देखभाल के लिए किसी को जरूर रखें।

अकेलापन न महसूस हो
अब जब वे खुद बाहर नहीं जा सकते तो उनके अकेलेपन का अंदाजा लगाएं। उनसे ऐसी बातें करें जिनसे उन्हें अच्छा महसूस हो। उनके साथ वक्त बिताएं। कभी उनकी पसंद का खाना बनाएं तो कभी बाहर घूमाने ले जाएं। इससे रिलेशनशिप में प्यार और रिस्पेक्ट बना रहेगा।

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