पान सिर्फ शौक नहीं औषधि भी है! जानिए गुण!

किसी समारोह में या घर पर भोजन के बाद, बेहतर पाचन और मुखवास के रूप में प्रयोग किया जाने वाला पान, केवल स्वाद की पुड़िया नहीं है, बल्कि इससे आपकी कई तरह की समस्याएं हल हो सकती हैं. जानिए किन समस्याओं में कारगर है: 

पान सिर्फ शौक नहीं औषधि भी है! जानिए गुण!
एंटीसेप्टिक – पान का पत्ता एक एंटीसेप्टिक का काम करता है। छोटी- मोटी चोट या खरोंच आने पर, या मोच आने पर पान का पत्ता लपेटना, या उसे पीस कर लगाने से लाभ होता है ।
नकसीर- नकसीर या नाक से खून आने की समस्या में पान के पत्ते सूंघने से लाभ होता है, और खून आना बंद हो जाता है।
लाल आंखें- थकान, नींद न होना या फिर आंखों में किसी कारण से समस्या होने पर, जब आंखें लाल हो जाएं, तो पान के पत्ते उबालकर ठंडे किए गए पानी के छींटे आंखों पर मारें।
मोटी आवाज- आवाज मोटी होने की स्थति में पान खाना और उसका पानी पीना बेहद लाभदायक होता है। इससे आवाज भी ठीक होती है, अौर गले की समस्याएं भी खत्म हो जाती हैं।
मसूड़े- मसूड़ों में खून आने या अन्य तकलीफ होने पर, पान को उबालकर उसके पानी से गरारे करने से, मसूड़ों से खून का की समस्या में लाभ मि‍लता है।
ब्रोंकाईटिस- पान के 7 पत्ते को दो कप पानी में चीनी के साथ उबालें। जब यह पानी 1 गिलास रह जाए, तब इसे दिन में 3 बार पीने से ब्रोंकाईटिस में लाभ होता है।
कफ- पान के 15 पत्ते, तीन गिलास पानी में उबालें । जब यह पानी एक तिहाई रह जाए तो इसे दवा के रूप में दिन में 3 बार पिएं। इससे कफ निकलने में आसानी होगी।
शरीर की दुर्गंध- शरीर की दुर्गंध लगातार बने रहने पर, पान के 5 पत्ते, दो कप पानी में उबालकर इस पानी को दोपहर के वक्त पीने से लाभ मि‍लता है।
खुजली- शरीर में खुजली की समस्या होने पर, पान के पत्ते उबालकर उस पानी से नहाने से खुजली ठीक हो जाती है।
स्तनपान- स्तनपान कराते समय दर्द अैर सूजन के कारण परेशानी आ रही हो, तो पान के पत्तों पर नारियल का तेल लगाकर हल्का सा गर्म कर लें, और स्तनों के पास रखें। इससे सूजन कम होगी और स्तनपान में आसानी होगी।

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