अपने गाँव को बेहतर कैसे बनाये- गाँव स्वास्थ्य व स्वच्छता कमेटी
अपने
गाँव को बेहतर कैसे बनाये
गाँव स्वास्थ्य
व स्वच्छता कमेटी
क्या है गाँव स्वास्थ्य व
स्वच्छता कमेटी?
भारत सरकार के कार्यक्रम
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत ग्रामीण जनता के स्वास्थ्य में
सुधार के लिए गाँव स्वास्थ्य व स्वच्छता कमेटी एक गाँव के ऐसे लोगों का समूह है जो
यह समझते हैं कि बेहतर या अच्छा स्वास्थ्य व्यक्ति के सम्पूर्ण विकास का एक महत्वपूर्ण
घटक है। इस कमेटी में वह लोग होते हैं जो अपने लिए व अपने गाँव के लिए बेहतर जीवन
स्तर चाहते हैं।
Box item:
हर 1,000 से 1,500 की आबादी वाले गाँव में एक ग्राम
स्वास्थ्य कमेटी बनाई जाती है। इस कमेटी को सरकार की तरफ से हर वर्ष 10,000 रुपए मिलते है ताकि कमेटी अपने
गाँव में स्वास्थ्य रक्षा के लिए कार्यवाही कर सके।
इस कमेटी का हिस्सा ऐसे लोग होते
हैं जिन पर गाँव के लोगों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी है। इस कमेटी के सदस्य अपने
गाँव को इस तरह परिवर्तित करते हैं जिससे उनका गाँव प्रसन्नता पूर्वक रहने के
योग्य स्थान बन सकें। ऐसे लोग अपनी तथा दूसरों के स्वास्थ्य की देखभाल समझदारी से
व मिलजुल कर करते हैं।
यह कमेटी सुनिश्चित करती है कि
सरकार की स्वास्थ्य सम्बन्धी सभी सेवाओं का फायदा व पहुँच गाँव के सभी लोगों
विशेषकर वंचित तबके तक पहुँचे।
कैसी होती है गाँव स्वास्थ्य व स्वच्छता
कमेटी की संरचना?
गाँव स्वास्थ्य व स्वच्छता कमेटी
महिला व बाल स्वास्थ्य विभाग द्वारा पहले से गठित की गई “गाँव स्तरीय कमेटी” का हिस्सा होगी क्योंकि ये दोनों
कमेटियाँ सदस्यों व उद्देश्यों के अनुसार एक ही है। समिति में इतने सदस्य होने
चाहिए जिससे गाँव समुदाय के सभी समूहों को प्रतिनिधित्व मिल सके और कमेटी के
सदस्यों की संख्या इतनी ज्यादा भी नहीं होनी चाहिए कि यह संगठित न रह सके। हरियाणा
सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुसार इस कमेटी में करीब 20 सदस्य होने चाहिए। इन में से कुछ
सदस्य गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले होने चाहिए। कमेटी के कुल सदस्यों
में से आधे सदस्य अनुसूचित जाति, जनजाति व अल्पसंख्यक वर्ग से होने चाहिए। गाँव में काम करने
वाले सरकारी कर्मचारी जैसे स्कूल अध्यापक, एएनएम, आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, एमपीडब्ल्यू (फीमेल) तथा दाई भी
कमेटी में शामिल होते हैं। सरकारी कर्मचारियों की संख्या कुल सदस्यों की संख्या के
एक तिहाई से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
क्या करती है ग्राम स्वास्थ्य व
स्वच्छता कमेटी?
कमेटी का मुख्य लक्ष्य अपने गाँव
के लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल-देखरेख करना है। गाँव को ऐसा स्वरूप देना है
जिसमें उसका हर एक व्यक्ति सुख, शान्ति और समृद्धि से रह सके। कमेटी लोगों के बीमार पड़ने का
इंतजार नहीं करती। यह कमेटी लोगों को यह महसूस करवाती है कि यदि वे बचाव के उपायों
पर अमल करें तो वे बहुत सी बीमारियों और तकलीफों से बच सकते हैं। वह बीमारी शुरू होने
से पहले ही उसे रोकने की कोशिश करती है। वह लोगों को प्रेरणा देती है कि वे अपने
स्वास्थ्य की देखभाल आज करें ताकि भविष्य में वे स्वस्थ रह सकें।
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गाँव
स्वास्थ्य व स्वच्छता कमेटी अपने गाँव के स्वास्थ्य के सामाजिक मापदण्ड निर्धारित
करेगी व उनकी सूची बनाएगी। मसलन स्वस्थ रहने के लिए गाँव को किस स्थिति में रखना
आवश्यक है। जैसे गाँव की किसी भी गली में घरों का गन्दा पानी नहीं आएगा, गाँव में कूड़े करकट के ढेर एक
जगह ही होंगे, सारे
बच्चों का टीकाकरण करवाया जाएगा, पीने के पानी के स्रोत को हर वक्त साफ रखना इत्यादि।
एक गाँव की स्वास्थ्य व स्वच्छता
कमेटी गाँव को स्वस्थ और बेहतर बनाने के लिए हर प्रयत्न करती है। इसके कार्यों को
मुख्य रूप से चार भागों में बाँटा जा सकता है। ये हैं : सूचना, निगरानी, कार्यवाही व स्वास्थ्य योजना का
निर्माण :
1. गाँव के लिए स्वास्थ्य कार्यक्रम
बनाना: गाँव के स्वास्थ्य व स्वच्छता के स्तर को देखते हुए यह
कमेटी गाँव के लिए स्वास्थ्य कार्यक्रम बनाती है। कमेटी गाँव में सम्भावित
बीमारियों की रोकथाम के लिए योजना बनाती है जिससे उनके गाँव में बीमारियाँ न फैले
व लोग बेहतर जीवन स्तर की ओर अग्रसर हो सकें।
2. सरकार द्वारा चलाए जा रहे
स्वास्थ्य कार्यक्रमों को उप स्वास्थ्य केन्द्र के साथ मिलकर गाँव में संचालित
करना।
3. जानकारी उपलब्ध करवाना: गर्भवती
महिलाओं को उनके लिए चलाई जाने वाली सरकारी योजनाओं से अवगत करवाना और इन योजनाओं
से लाभ लेने में इन महिलाओं की मदद करना। यह कमेटी लोगों को गाँव में कार्य करने
वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों के बारे में भी जानकारी देती है जिससे उन्हें यह पता
चल जाए कि उन्हें इन कार्यकर्ताओं से कौन सी सेवाएँ मिल सकती है।
4. जनस्वास्थ्य गतिविधियाँः
स्वास्थ्य कमेटी अपने स्तर पर गाँव की गलियों में पड़े गन्दे पानी के निपटान के
लिए सोखता गड्ढों का निर्माण कर सकती है। इसी तरह गाँव में सफाई बनाए रखने के लिए
सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण व उनकी सफाई की जिम्मेदारी का काम अपने हाथ में ले
सकती हैं। इनमें निम्नलिखित कार्य सम्मिलित हैं।
1. गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं
को प्रसूति के दौरान आपातकालीन स्थिति में यातायात उपलब्ध करवाना।
2. परिवार नियोजन कार्यक्रमों को
प्रोत्साहित करना।
3. गाँव में स्वच्छ पेयजल की
उपलब्धता सुनिश्चित करना व प्रतिदिन पेयजल की स्वच्छता के लिए पानी का क्लोरिनिकरण
करना।
4. कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम के
लिए सामुदायिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देना। गाँव में होने वाली हर नवजात मृत्यु पर
चर्चा करना व ऐसा फिर ना हो इसके लिए उचित प्रयास करना।
5. गाँव की मुख्य स्वास्थ्य सम्बन्धी
समस्याओं व परेशानियों को उच्च स्वास्थ्य अधिकारियों को बताना व उनसे कार्यवाही के
लिए माँग करना।
6. लोगों में जन्म-मृत्यु पंजीकरण को
बढ़ावा देना।
7. गाँव की महिलाओं व बच्चों के
विकास के कार्य करना।
8. नवजात शिशुओं का वजन करने में
आँगनवाड़ी कार्यकर्ता की मदद करना।
9. यह कमेटी गाँव में गर्भवती
महिलाओं एवं माताओं के स्वास्थ्य और पोषण का ब्योरा मदर-ट्रैकिंग नामक रजिस्टर में
रखेगी।
10. गाँव के स्कूल में बच्चों की
उपस्थिति को सुनिश्चित करना।
5. उपरोक्त कार्यों के अतिरिक्त गाँव
स्वास्थ्य एवं स्वच्छता कमेटी यह सुनिश्चित करती है कि उनके गाँव के लिए नियुक्त
एएनएम अपना निर्धारित कार्य ठीक तरह से करे। यह कमेटी एएनएम को उनकी ड्यूटी पूरी
करने में मदद करती है।
कैसे होता है ग्राम स्वास्थ्य व
स्वच्छता कमेटी का संचालन?
बैंक में खाताः यह कमेटी नजदीकी बैंक में अपना
खाता खुलवाएगी। कमेटी द्वारा अधिकृत एक महिला पंच तथा एक आँगनवाड़ी कार्यकर्ता जो
कि कन्वीनर (सचिव) भी हैं, बैंक खाते
से पैसा निकाल सकती है। खाते से पैसा निकलवाने के लिए कन्वीनर के अलावा शेष दो
खातेदारों में से किसी भी एक के हस्ताक्षर जरूरी है। कमेटी द्वारा किए गए खर्च का
पूरा लेखा-जोखा कमेटी की हर महीने होने वाली बैठक में प्रस्तुत व पास किया जाएगा।
मीटिंग/ बैछकः गाँव स्वास्थ्य एवं स्वच्छता
कमेटी महीने के प्रथम बुधवार को मीटिंग करेगी। आपातकालीन स्थिति जैसे बाढ़, गम्भीर बीमारी की स्थिति में
मीटिंग का आयोजन कभी भी आवश्यकता अनुसार किया जा सकता है। बैठक में पिछले महीने
में किए गए कार्यों पर विचार विमर्श किया जाएगा व आने वाले महीने के कार्यों की
योजना बनाई जाएगी। गाँव की सालाना स्वास्थ्य रिपोर्ट ग्राम सभा में प्रस्तुत की
जाएगी।
क्या वित्तीय सहायता मिलती है
ग्राम स्वास्थ्य व स्वच्छता कमेटी को सरकार की तरफ से?
1. कमेटी के कार्य को सुचारू रूप से
चलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा कमेटी को प्रति वर्ष 10,000 रुपए की धनराशि दी जाती है। यह
रकम ‘गाँव स्वास्थ्य व स्वच्छता कमेटी’ के खाते में जिले के सिविल सर्जन
द्वारा स्थामांतरित की जाती है।
2. इस राशि का प्रयोग समाज में सबसे
गरीब व्यक्ति के कल्याण के लिए किया जाएगा या यह पैसा आपातकालीन स्थिति में किसी
भी परिवार की मेडिकल सहायता जैसे एम्बुलेंस पर भी खर्च किया जा सकता है।
3. कमेटी के फण्ड का इस्तेमाल कमेटी
की अनुमति के पश्चात ही किया जाएगा।
4. ‘गाँव स्वास्थ्य व स्वच्छता कमेटी’ खर्च की गई राशि के खर्च का
ब्योरा एक अलग बही-खाते में रखेगी। कमेटी एक सदस्य को बही-खाते भरने के लिए
नियुक्त कर सकती है। उसे इस कार्य के लिए प्रतिमाह 50 रुपए कमेटी के खाते में से दिए जा
सकते है।
5. यह कमेटी एक कार्यवाही रजिस्टर
में कमेटी के कार्यों का विवरण रखेगी।
6. कमेटी के खातों का सरकारी नियमों
के अनुसार ऑडिट होगा।
7. रिकार्ड का यह रजिस्टर ग्राम
पंचायत द्वारा कभी भी देखा जा सकता है।
8. कमेटी अपने काम व प्रगति की
रिपोर्ट पंचायत की मासिक बैठकों व ग्राम सभा की सालाना बैठक में प्रस्तुत करेगी।
Box item: गाँव स्वास्थ्य व स्वच्छता कमेटी
सरकार की तरफ से मिलने वाली राशि के अलावा जरूरत पड़ने पर अपनी तरफ से या जनसहयोग
से फण्ड इकट्ठा करके खर्च कर सकती है।
सचिव की जिम्मेदारीः
1. कमेटी की बैठकें नियमित व
निर्धारित समय पर बुलाने के लिए सभी सदस्यों को सूचित करना।
2. बैठकों का संचालन करना।
3. बैठकों से सम्बन्धित सभी
कार्यवाही लिखना।
4. महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ
समन्वय करके वर्ष में एक बार कमेटी के हिसाब-किताब की ऑडिट करवाना।
5. कमेटी का पैसा बैंक से निकलवाना।
साभार : गाँव स्वास्थ्य व
स्वच्छता कमेटी
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