जीरे के फायदे और नुकसान

जीरे के फायदे और नुकसान



खाने के स्वाद को बढ़ाने के अलावा जीरा आपके स्वास्थ्य को भी बढ़ाता है। यह एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-फ्लैटुलेंटगुणों का घर माना जाता है। इसके अलावा यह डाइटरी फाइबर और लौह, तांबा,कैल्शियम,पोटेशियम, मैग्नीज, सेलेनियम, जिंक, विटामिन्स और मैग्नीशियम का बहुत अच्छा स्रोत है।
आप जीरे के साबुत बीज एवं जीरा पाउडर दोनों का ही सेवन अपने स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए कर सकते हैं। कई ऐसे पदार्थ जिनका उपयोग हम खाना बनाने में नियमित तौर पर करते हैं उनका उपयोग कई प्रकार की बीमारियों के उपचार में तथा कई बीमारियों को रोकने में सहायक होता है
जीरे के फायदे हैं
जीरे के फायदे और नुकसान
( 1 ) वजन घटाने में सहायक
जीरा भी वजन घटाने वाले आहार के रूप में उपयोग किया जाता है। क्लिनिकल प्रैक्टिस की कॉंप्लिमेंटरी थेरपीज़ में प्रकाशित 2014 के एक अध्ययन में अधिक वजन औरमोटापेसे ग्रस्त महिलाओंके शरीर की संरचना और लिपिड प्रोफाइल पर जीरा पाउडर के सकारात्मकप्रभाव का उल्लेख किया गया है। यह शरीर में चर्बी एवं कोलेस्ट्रॉल को कम करने में अति सहायक है। इसके अलावा यह आपकी चयापचय क्रियाओं को उत्तेजित करता है और आपकी खाना खाने की इच्छाको कम करता है।
वजन कम करने के लिए
जीरे को भून लें।.इस भुने हुए जीरे को मिक्सी की मदद से पीसकर चूर्ण बना लें। .इस चूर्ण का एक चमच्च रोजाना दही में मिलाकर दो बार खाएं।
( 2 ) जीरे के लाभ करें ब्लोटिंग का प्रभावी उपचार
ब्लोटिंग या फिर फूला हुआ पेट गैस का भी एक कारक है। इससे आपको पेट में दर्द भी हो सकता है। आपको ब्लोटिंग की शिकायतकब्ज, अपच,रजनोवृत्ति पूर्व सिंड्रोम (पी.एम.एस.) और इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम (आई.बी.एस.) की वजह से हो सकती है।मध्य पूर्व जर्नल ऑफ डाइजेस्टिव डिसीज़ में प्रकाशित एक 2013का अध्ययन का कहना है कि जीरा ब्लोटिंग सहित इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम सभी के लक्षणों में सुधार लाने में कारगर है।
ब्लोटिंग की शिकायत को दूर करने के लिए
1 कप पानी उबालने के लिए गैस पर चढ़ाएं।
इसमें 1 चुटकी पिसा हुआ जीरा, अदरक पाउडर और समुद्री नमक के साथ-साथ आधा चमच्चसौंफके बीज डालें।
पांच मिनट के लिए इसे कम आंच पर उबलने दें।
.छानने के पश्चात इसे ठंडा होने दे और पी लें।
.जरूरत पड़ने पर यह प्रक्रिया दोबारा दोहराएँ
( 3 ) जीरा पानी के फायदे दिलाएं उदरशूल दर्द से आराम
अपनी वायुनाशी गुण के वजह से जीरा उदरशूल में हो रहें दर्द का भी एक सफल उपचार है। बच्चों के उदरशूल में दर्द होना बहुत ही आम है और जीरा बच्चों को उदरशूल से हो रही पीड़ा से राहत दिला सकता है।
उदरशूल दर्द से छुटकारा पाने के लिए एक कप में एक चमच्च जीरा डालें।
.इस कप में गर्म पानी डालें और इसे ढक दें। 
.15 मिनट बाद इसे छान लें। 
.इस घोल का 1-2 चमच्च अपने बच्चे को पिलायें।

( 4 ) जीरे के गुण दें एनीमिया को मात
एनीमिया का सबसे बड़ा कारक होता है -शरीर में लौह की कमी। लौह का एक समृद्ध स्रोत होने के कारण, जीरा एनीमिया को ठीक करने में भी सक्षम है। एक चमच्च जीरे का पाउडर आपके शरीर को चार मिलीग्राम लौह से पोषित करता है। इसमें निहित लौह रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन को बढ़ावा देता है और थकावट जैसे एनीमिया के लक्षणों को भी हराता है।
 यह आपकी उपापचय क्रियाओं में भी सुधार लाता है। लौहकी कमी को दूर करने के लिए एवं शरीर को एनीमिया से बचाने के लिए अपने दैनिक आहार में जीरा पाउडर को शामिल करें। इससे थकान, चिंता,संज्ञानात्मक दोष एवं पाचन विकार जैसे एनीमिया के लक्षणों से भी राहत मिलती है।
( 5 ) जीरे के उपाय करें माँ का दूध बढ़ाने के लिए
जीरा कैल्शियम और आयरन से समृद्ध होता है यह दोनों ही गर्भवती एवं स्तनपान करा रही महिलाओं के लिए उत्तम है। यह स्तन-दूध के उत्पादन को उत्तेजित कर उसकी मात्रा में बढ़ोतरी लाता है। इसके अलावा यह माँओं को शिशु-जन्म उपरान्त खोई हुई ताकत और फुर्ती को वापिस लाने में भी सहायक है।
स्तन-दूध को बढ़ाने के लिए
एक चमच्च जीरा पाउडर एक गिलास गर्मदूधमें मिलाएं।
.इसमें शहद की मिठास मिलाएं।
.कुछ हफ़्तों के लिए इसका सेवन रोजाना रात को खाना खाने के बाद सोने से पहले करें।
( 6 ) जीरा पाउडर के फायदे करें पाचन क्रिया को उत्तेजित
जीरा आयुर्वेद में पेट दर्द, अपच,दस्त, पेट फूलना, मतली आदि पाचन सम्बंधित विकारों के उपचार के लिए एक बहुत ही मशहूर औषधि है। यह अग्नाशय एंजाइम जो पाचन क्रिया में समर्थक होते हैं, उन्हें उत्तेजित करता है। यह पेट में हो रही अम्लता का भी एक सफलउपचार है।
पाचन क्रिया को उत्तेजित करने के लिए
 एक गिलास पानी में 1 चमच्च भुना हुआ जीरा पाउडर मिलायें।
 इसे दिन एक या दो बार रोजाना पियें।
.छाछके एक गिलास में ¼ चम्मच भुना हुआ जीरा पाउडर और काली मिर्चपाउडर डालें। आप इसे रोजाना एक बार पीकर भी पाचन क्रिया को प्रभावी बना सकते हैं।
( 7 ) जीरा के औषधीय गुण हैं
मधुमेह को नियंत्रित करने केलिए
आयुर्वेद के अनुसार जीरे में बहुत अच्छेमधुमेहविरोधी गुण पाए जाते हैं। खाद्य विज्ञान और पोषण के इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित 2005 के एक अध्ययन ने भी इस बात की पुष्टि की है किजीरा हाइपोग्लाइसीमिया (hypoglycemia) और ग्लुकोसुरिया (glucosuria) में सहायता कर सकता है।
मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए
आठ चमच्च काला जीरा भून लें।
.इसके पश्चात भुने हुए जीरे को पीसकर चूर्ण बना लें।
.इस चूर्ण का आधा चमच्च पानी के साथ खा लें।
.कुछ महीनों के लिए ऐसा रोजाना दिन में दो बार करें।
नोट :- चूँकि जीरे का सेवन आपकी सर्जरी को प्रभावित कर सकता है, जीरे का सेवन सर्जरी से दो सप्ताह पहले ही करना बंद कर दें।
( 8 ) जीरा बेनिफिट्स बढ़ाएँ स्मरण-शक्ति
जीरे में निहित एंटी-ऑक्सीडेंट एवं एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण स्मरण-शक्ति में तो सुधार लाते ही हैं साथ ही यह एकाग्रता के स्तर में भी सुधार लाते हैं। यह अलजाइमर एवं उम्र के साथ आने वालीयाददाश्तसंबधित विकारों का भी एक सफल उपचार है।
इसमें विभिन्न प्रकार केविटामिन बीएवंविटामिन ईभी है जो नसों को उत्तेजित कर दिमाग के कार्यशीलता में तो सुधार लाता है। 2011 में फार्मास्यूटिकल बाइऑलजी में प्रकाशित एक अध्य्यन के अनुसार जीरा का नियमित रूप से सेवन करने से स्मरण-शक्ति में सुधार आता है और दिमाग पर पड़ रहा स्ट्रेस भी कम होता है।रोजाना आधा चमच्च भुने हुए जीरे चबाकर खाएं और अपनी स्मरण शक्ति को उत्प्ररित करें।
( 9 ) जीरा चूर्ण बनाए हड्डियों को मजबूत
जीरा आपके हड्डी के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत फायदेमंद होता है। इसमें कैल्शियम, पोटैशियम एवं मैग्नीशियम जैसे खनिज निहित हैं जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए अनिवार्य माने जाते हैं। इसके अलावा इसमें विटामिन बी 12 भी है जो हड्डियों के लिए स्वास्थ्यवर्धक है।
इसमें एस्ट्रोजन के यौगिक भी होते हैं जो रजनोवृत्ति उपरान्त महिलाओं में ओस्टेपोरोसिस के खतरे को कम करताहै।अपनी हड्डियों को स्वस्थ बनाने के लिए और उनके घनत्व में सुधार लाने के लिए अपने दैनिक आहार में जीरे को शामिल करें।
( 10 ) जीरे की चाय करे अनिद्रा का इलाज
यदि आप अनिद्रा के शिकार है तो चिंता मत कीजिये, जीरे की मदद से आप इस विकार से आसानी से लड़ सकते हैं। जीरे में मेलाटोनिन होता है जो अनिद्रा से एवं अन्य सोने से सम्बंधित विकारों से लड़ने के लिए अनिवार्य माना जाता है। मेलाटोनिन एक ऐसा हॉर्मोन है जो आपकोसोने में सहायता करता है।
 अनिद्रा को दूर भगाने के लिए
.एक केले को अच्छे से मसल लें और फिर उसमें 1 चम्मच जीरा पाउडर मिला दें। इस मिश्रण को दैनिक रूप से सोने से पहले खाएं।
.अन्य विकल्प यह है कि आप रोजाना रात में जीरे से बनी हुई चाय पिएं।जीरे की चाय बनाने के लिए 2 या 3 सेकंड 1 चम्मच जीरे पाउडर कम आंच पर पकाये। इसके बाद इसमें 1 कप पानी डालें और इसे उबलने दें। उबलने के पश्चात इसे पांच मिनट तक ढक कर रख दें और फिर छान कर पी लें।
कुछ बातों का ध्यान रखें
हमेशा अच्छी गुणवत्ता वाला जीरा ही खरीदें, जो तर्जनी (Index Finger) और अंगूठे के बीच निचोड़ने पर एक सुहानी एवं मिर्च-सा महक फैलाती है।
.जीरे को एक हवाबंद-डब्बे में ही रखें।
.पिसे हुए जीरे को हवा-सील कंटेनरों में फ्रिज में स्टोर करें।
कैसे करें जीरे का सेवन
भुनी हुई हींग , काला नमक और जीरा समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें. इसे 1-3 ग्राम की मात्रा में दिन में 2 बार दही के साथ लेने से भी मोटापा कम होता है. इससे शरीर में फालतू चर्बी तो निकलती ही है, साथ ही कोलेस्ट्रॉल भी घटता है और खून का परिसंचरण तेजी से होता है.
.एक गिलास पानी में एक बड़ा चम्मच जीरा रात भर भिगोकर रख दें. सुबह इसे उबालें और चाय की तरह इस पानी को पीएं. बचा हुआ जीरा खा लें. इसके रोजाना सेवन से शरीर में फालतू चर्बी निकल जाती है लेकिन इस बात को ध्यान में रखें कि इस पानी को पीने के बाद 1 घंटें तक कुछ न खाएं.
वेट लॉस के लिए क्यू्मिन ड्रिंक बनाएं. इसके लिए रात में दो चम्मच जीरे को पानी में भिगो दें और सुबह इसे उबाल लें. सीड्स को पानी से अलग कर दें और पानी में आधा नींबू निचोड़े. सुबह इसे खाली पेट पीएं. लगातार दो सप्ताह तक ऐसा करें.
जीरे को वजन कम करने के लिए और भी कई तरीके से लिया जा सकता है. जीरे पाउडर को दही के साथ मिलाकर भी लिया जा सकता है. एक चम्मच जीरे को 5 ग्राम दही में मिलाकर रोजाना लें.
.3 ग्राम जीरे के पाउडर को पानी में मिला कर इसमें कुछ बूंदें शहद की मिलालें और इसे पीएं.
.वेजिटेबल सूप बनाकर इसमें एक चम्मच क्यूमिन पाउडर डालकर लें.
.ब्राउन राइस में भी जीरा पाउडर डालकर सेवन करने से फायदा होता है.
जीरे के साथ अदरक और नींबू का सेवन करने से जल्दी वजन कम होता है. अदरक को काट लें और गाजर के साथ अन्य सब्जियों को उबालें. इसमें जीरा पाउडर, नींबू और कटी हुई अदरक डालें. रात में इस सूप को पीने से वजन कम करने में फायदा होगा.
जीरे के नुकसान
जीरा एक ऐसा मसाला है जिसके बिना तो भारतीय व्यंजनों की कल्पना करना भी असंभव सा लगता है। सभी प्रकार के भारतीय व्यंजनों में स्पेशल स्वाद के कारण जीरा का उपयोग किया जाता है।
लेकिन क्या आपजानते हैं कि जीरे के कई प्रकार के दुष्प्रभाव भी होते हैंजीरे का अधिक सेवन पाचन संबंधी समस्या, हार्टबर्न का एक कारण हो सकता है।जीरे के वातहर प्रभाव के कारण यह अत्यधिक डकार का कारण बन सकता है।
जीरे से गर्भवती महिलाओं पर गर्भान्तक प्रभाव पड़ सकता है। ज्यादा मात्रा में जीरे के सेवन से गर्भपात या समय से पहले डिलीवरी होने की आंशका बढ़ जाती है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को जीरे के अधिक सेवन से बचना चाहिए।





















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