त्राटक साधना

दोस्तो प्रणाम कुछ दिन पहले दिव्य दृष्टि पर एक प्रश्न किया गया था कि वो कैसे प्राप्त की जाए , उसी सम्बन्ध में आपको सुझाव देना चाहूंगा जो भी साधक मन की एकाग्रता की शक्ति को परखना चाहता है वह त्राटक करे , ओर सबसे पहली बात इससे होने वाले अनुभव किसी तरह का कोई चमत्कार नही होंगे , शुद्ध विज्ञान हर त्राटक

। इसके द्वारा हम छोटे छोटे प्रयोग शुरू कर सकते है । जैसे किसी के मन की बात का पता लगाना , किसी घटना के बारे में कुछ सांकेतिक तोर पर पता लगाना , किसी को मानसिक संदेश भेजना , कुछ हद तक पुरवा भास जैसे कई प्रयोग आप कर सकते है सांकेतिक तोर पर ।
अब इन्ह करना कैसे है और यह सब वैज्ञानिक तोर पर कैसे साबित होता है । सबसे पहले एक बात कहता हूं त्राटक यंत्र जैसा कि फ़ोटो में है इसे आप देखे यह एक ऐसा माध्यम है जिससे विचारो की सफाई बहुत तीव्रता से होती है , क्योंकि हमारी सारी चेतना इसे देखने मे इसकी उधेड़ बुन में कुछ ही मिनटों में खो जाती हर तो विचारो को ऊर्जा नही मिल पाती सारी शक्ति हमारी इसी यंत्र पर एकाग्र होने में सहजता से लग जाती है । यह एक keep की तरह काम करता है हम सब जानते है किसी बोतल में अगर तेल उड़ेलना हो तो कीप कितनी उपयोगी यंत्र साबित होती है ,अगर कीप हो तो एक बूंद भी द्रव्य जाया किये बिना बोतल में डाल सकते है उसी प्रकार आपका ख्याल कितना भी उलझा हो कितने ही विषयो में फैला हो त्राटक यंत्र उसे समेट के एक बिंदु पर ले आता है , जिससे हम एकाग्र होने लगते है चित शांत होने लगता है ।
 अब जब शांत होने लगे तो एक छोटे से प्रयोग से शुरू करना मै घर मे करता हु एक छोटे बच्चे को बुलाना ओर उसे 0-9 तक अंक चयन करने को कहना ,आप सबको यह बचकाना हरकत लगेगी लेकिन यह कमाल का प्रयोग है आप देखे गे की धीरे धीरे आप उसका मन पढ़ने लगे । तो अब हुआ क्या आप कैसे जान पाए वो अंक जो उसने मन मे सोचा ,हुआ यह कि आप जब किसी की बात सुनना चाहते है तो उसके लिए एक जरुरी शर्त है कि आप बोलना बंद कर दे , आप देखे जब दो व्यक्ति एक दूसरे से एक साथ बोलेंगे तो किसी को किसी की बात समझ नही आएगी ,सिवाए शोरगुल के कुछ सुनाई नही देगा । यही बात मन की कसौटी पर भी काम करती है कोई अपने भीतर कुछ बोल रहा है तो आप तभी पकड़ पाएंगे समझ पाएंगे जब आप मन से मौन होंगे और यह यंत्र आपकी बहुत सहायता करेगा मौन होने में ।
 कुछ देर इसकी ओर देखे जब एकाग्र होने लगे तो उतर जो मिले आपके भीतर से उसे कहे । थोड़े दिनों के प्रयोग में आप यह आसानी से कर पाएंगे । एक बार छोटी सी तरकीब भी हाथ लग गई आपको एकाग्रता की तो आप बोल उठेंगे वाह चमत्कार । ओर छोटी सी किरण भी रोशनी की हाथ लग जाए वह सूरज तक लेजाने का सामर्थ्य रखती है । फिर तो तरह तरह के प्रयोग आप स्वम् कर सकते है । कुछ में सफल हो गे कुछ में दोबारा लगतार प्रयास करे । पूर्वाभास , छटी इंद्री कहते है जिसे इसके द्वारा सक्रिय की जा सकती है ,फिर जब अभ्यास हो जाएगा आपको तो त्राटक यंत्र की भी आवश्यकता नही रहगी । फिर तो आंख बंद की ओर एकाग्र हुए व भीतर से क्या संदेश आया कह दिया । इसे आप दिव्य दृष्टि का नाम दे या विज्ञान का है बहुत रोमांचक ,प्रयोग करे व अनुभव शेयर करे,धन्यवाद ।
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