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एक कहानी ऐसी भी

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एक गरीब परिवार में एक सुन्दर सी बेटी ने जन्म लिया.. बाप दुखी हो गया बेटा पैदा होता तो कम से कम काम में तो हाथ बटाता,, उसने बेटी को पाला जरूर, मगर दिल से नही.... वो पढने जाती थी तो ना ही स्कूल की फीस टाइम से जमा करता, और ना ही कापी किताबों पर ध्यान देता था... अक्सर दारू पी कर घर में कोहराम मचाता था....... उस लडकी की मॉ बहुत अच्छी व बहुत भोली भाली थी वो अपनी बेटी को बडे लाड प्यार से रखती थी.. वो पति से छुपा-छुपा कर बेटी की फीस जमा करती और कापी किताबों का खर्चा देती थी.. अपना पेट काटकर फटे पुराने कपडे पहन कर गुजारा कर लेती थी, मगर बेटी का पूरा खयाल रखती थी... पति अक्सर घर से कई कई दिनों के लिये गायब हो जाता था. जितना कमाता था दारू मे ही फूक देता था... वक्त का पहिया घूमता गया. बेटी धीरे-धीरे समझदार हो गयी.. दसवीं क्लास में उसका एडमीसन होना था. मॉ के पास इतने पैसै ना थे जो बेटी का स्कूल में दाखिला करा पाती.. बेटी डरडराते हुये पापा से बोली: पापा मैं पढना चाहती हूं मेरा हाईस्कूल में एडमीसन करा दीजिए मम्मी के पास पैसै नही है... बेटी की बात सुनते ही बाप आग वबूला हो गया और चिल्लाने

त्राटक साधना

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दोस्तो प्रणाम कुछ दिन पहले दिव्य दृष्टि पर एक प्रश्न किया गया था कि वो कैसे प्राप्त की जाए , उसी सम्बन्ध में आपको सुझाव देना चाहूंगा जो भी साधक मन की एकाग्रता की शक्ति को परखना चाहता है वह त्राटक करे , ओर सबसे पहली बात इससे होने वाले अनुभव किसी तरह का कोई चमत्कार नही होंगे , शुद्ध विज्ञान हर त्राटक । इसके द्वारा हम छोटे छोटे प्रयोग शुरू कर सकते है । जैसे किसी के मन की बात का पता लगाना , किसी घटना के बारे में कुछ सांकेतिक तोर पर पता लगाना , किसी को मानसिक संदेश भेजना , कुछ हद तक पुरवा भास जैसे कई प्रयोग आप कर सकते है सांकेतिक तोर पर । अब इन्ह करना कैसे है और यह सब वैज्ञानिक तोर पर कैसे साबित होता है । सबसे पहले एक बात कहता हूं त्राटक यंत्र जैसा कि फ़ोटो में है इसे आप देखे यह एक ऐसा माध्यम है जिससे विचारो की सफाई बहुत तीव्रता से होती है , क्योंकि हमारी सारी चेतना इसे देखने मे इसकी उधेड़ बुन में कुछ ही मिनटों में खो जाती हर तो विचारो को ऊर्जा नही मिल पाती सारी शक्ति हमारी इसी यंत्र पर एकाग्र होने में सहजता से लग जाती है । यह एक keep की तरह काम करता है हम सब जानते है किसी बोतल में अगर

आयुर्वेद दिनचर्या : सुबह जल्दी उठने की महिमा

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स्कृत में दैनिक कार्यकम को दिनचर्या कहते हैं| दिन का अर्थ है दिन का समय और अचार्य का अर्थ है उसका पालन करना या उसके निकट रहना| दिनचर्या आदर्श दैनिक कार्यक्रम है जो प्रकृति के चक्र का ध्यान रखती है| आयुर्वेद प्रातः काल के समय पर केंद्रित होता है क्योंकि वह पूरे दिन को नियमित करने में महत्वपूर्ण है| आयुर्वेद यह मानता है कि दिनचर्या शरीर और मन का अनुशासन है और इससे प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होता है और मल पदार्थो से शरीर शुद्ध होता है| सरल स्वस्थ दिनचर्या से शरीर और मन शुद्ध होते हैं, दोष संतुलित होते हैं, प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होता है और दिन की शरुआत ताज़गी और पुनार्युवन से होती है| प्रातः काल में सरल दिनचर्या का पालन करने से आप की दिन की शुरुआत आनंदमय होती है| आपकी सुबह ताज़गीमय होने के लिये यह मार्गदर्शिका है | 1. ब्रह्म मुहूर्त |Brahma muhurata सूर्योदय से डेढ़ घंटे पूर्व उठने से आप सूर्य की लय के साथ समकालिक हो सकते हैं | आयुर्वेद ब्रह्म मुहूर्त की अनुशंसा करता है जिसका अर्थ है ब्रह्म का समय या शुद्ध चेतना या शुभ और प्रातः काल के इस समय उठना सर्वश्रेष्ठ माना गया है | सू

5 Easy Steps To Hear Your inner Sound! (meditation)

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5 Easy Steps To Hear Your inner Sound!  Easy Steps Mediation  Step 1. Find a quiet space where you can relax. Sit cross-legged position or on a chair. Your spine should be straight in relaxed manner. Step 2. Insert the ear plugs and Close your eyes You can get it from your nearby chemist shop (just Rs. 15). If in case you don't get it from anywhere then you can use earphones/cotton. Step 3. Take 10 deep breaths Breath in slowly, easily and deeply and then breath out slowly, easily and deeply. start reverse counting with each outgoing breath (and no counting with incoming breath). You may do may do reverse counting from 10 to 0, decreasing the count by one with each outgoing breath. Step 4. Simply listen to your inner sounds Bring your attention to your inner sounds without judging them. There is absolutely no need to put pressure on yourself. Be calm. Just listen and enjoy! Step 5. Don't go to your thoughts. Let them come to you