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एम्बुलेंस दादा जलपाईगुड़ी

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"एम्बुलेंस दादा " को मिला पद्म्श्री अपनी मोटरसाईकिल से लोगो को फ्री में पहुचाते है हॉस्पिटल जलपाईगुड़ी: मिलिए एक ऐसे अंजान हीरो से जो अब तक आम लोगों की भीड़ में छुपा हुआ था। करीमुल हक़, जिन्हें सोशल वर्क के लिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। करीमुल हक को एम्बुलेंस दादा के नाम से भी जाना जाता है। करीमुल हक ने अपने गांव धालाबाड़ी में 24 घंटे की एम्बुलेंस सेवा शुरू की। करीमुल गरीब मरीजों को अपनी बाइक पर लेकर हॉस्पिटल पहुंचाते हैं और कई बार वो उन्हें फर्स्ट ऐड भी देते हैं। करीमुल ने कहा कि उन्होंने यह कभी नहीं सोचा था कि पश्चिम बंगाल के दूर-दराज़ के गांव में रहने वाला कोई व्यक्ति इस तरह का प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त कर सकेगा। अपनी मां को धन्यवाद देता हूँ जोकि अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उन्हें खोने के बाद ही मुझे समाज के लिए काम करने की जरूरत महसूस हुई। मैं इस सम्मान के लिए सरकार का धन्यवाद करना चाहता हूँ। करीमुल का गांव अब जश्न के मूड में है, क्योंकि उन्हें विराट कोहली, दीपा करमाकर और मीनाक्षी अम्मा के समकक्ष यह सम्मान प्राप्त करने का गौरव हासिल

बुटाटी धाम नागौर

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बुटाटी धाम नागौर बुटाटी धाम आस्था का केंद्र बुटाटी धाम आस्था का केंद्र एक मंदिर ऐसा भी है जहा पर पैरालायसिस (लकवे ) का इलाज होता है ! यहाँ पर हर साल हजारो लोग पैरालायसिस(लकवे ) के रोग से मुक्त होकर जाते है यह धाम नागोर जिले के कुचेरा क़स्बे के पास है, अजमेर- नागोर रोड पर यह गावं है ! लगभग ५०० साल पहले एक संत होए थे चतुरदास जी वो सिद्ध योगी थे, वो अपनी तपस्या से लोगो को रोग मुक्त करते थे| मन्दिर में नि:शुल्क रहने व खाने की व्यवस्था भी है| लोगों का मानना है कि मंदिर में परिक्रमा लगाने से बीमारी से राहत मिलती है| राजस्थान की धरती के इतिहास में चमत्कारी के अनेक उदाहरण भरे पड़े हैं| आस्था रखने वाले के लिए आज भी अनेक चमत्कार के उदाहरण मिलते हैं, जिसके सामने विज्ञान भी नतमस्तक है| ऐसा ही उदाहरण नागौर के 40 किलोमीटर दूर स्तिथ ग्राम बुटाटी में देखने को मिलता है। लोगों का मानना है कि जहाँ चतुरदास जी महाराज के मंदिर में लकवे से पीड़ित मरीज का राहत मिलती है। सन्त चतुरदास जी महाराज के मन्दिर ग्राम बुटाटी में लकवे का इलाज करवाने देश भर से वर्षों पूर्व हुई बिमार

आपके मूड को बढ़ावा देने के लिए सरल तरीके

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Simple ways to boost your mood किसी भी दिन हम जो कुछ करते हैं या मुठभेड़ करते हैं, न केवल हमारे स्वास्थ्य पर असर पड़ता है, वे हमारे मनोदशा को भी प्रभावित करते हैं। एक दिन आप कभी भी सबसे अच्छा मूड में हो सकता है और अगले, आपको लगता है कि आप थोड़ा सा उत्साहित होने के लिए संघर्ष कर सकते हैं, लेकिन क्यों नहीं पता लगा सकते हैं हालांकि यह सब कुछ ठीक करना संभव नहीं है, जो कि एक बुरे मूड को ट्रिगर करता है - आखिरकार, ऐसी कुछ चीजें हैं जो काम करने के लिए समय लेती हैं - लेकिन आप अपने आत्माओं को खराब दिन बनाने में मदद कर सकते हैं ताकि चेहरे का सामना करना आसान हो। यदि आप हर दिन अपने मूड की कोशिश करना और बढ़ावा देना चाहते हैं, तो ये सरल कदम वास्तव में मदद कर सकते हैं: बेहतर खाओ वसा या चीनी में उच्च खाद्य पदार्थ आपको एक अस्थायी लिफ्ट दे सकते हैं, अतिरिक्त ऊर्जा के साथ आपको खुश महसूस करने और एक घंटे या उससे अधिक समय तक प्राप्त करने में मदद मिलती है, लेकिन उनका यह भी मतलब है कि आपका मूड अचानक अचानक टूट सकता है एक बार उत्साही प्रभाव खत्म हो जाने पर, आप पहले स्थान पर किए गए तुलना में कम औ

सीर पर और दाडी के सफ़ेद बालों को काला करने का घरेलु नुस्खा

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सीर पर और दाडी के सफ़ेद बालों को काला करने का घरेलु नुस्खा Beard white hair treatment in hindi आजकल की भाग्धोड़ भरी ज़िन्दगी में कम उम्र के लोगो को सिर के बाल सफ़ेद होने लग गये है | साथ में कई लोगो की दाड़ी में भी सफ़ेद बाल होने लगते है और ये कभी दीखते है तो कभी नहीं | बाल सफ़ेद होने के मुख्य कारण खानपान : खानपान जो आपकी हेल्थ को बनाये रखता है| लकिन टाइम की प्रॉब्लम की वजह से आप अपने खाना खाने का टाइम फिक्स नहीं होने के कारण आपके बाल जल्दी सफ़ेद होने लगते है | समय पर नहीं सोना : रात को लेट सोने की आदत भी बालों की सफ़ेद बनाने का कारण है | चलिए अब बताते है आपको दाड़ी और सिर के सफ़ेद बालों को काला करने के नुस्खा जो घर पर आसानी से बनाकर उपयोग में लिया जा सकता है | आपको सबसे पहले मीठी नीम के 5 से 8 पते लेना होगा मीठी नीम  अब एक कटोरी जिसमे खोपरे का तेल डालना होगा और मीठी नीम की पतियाँ डाल दे |  खोपरे का तेल  एक चमच लेक कटोरी को गेस पर 2 मिनट गरम करना होगा जब तक की मीठी नीम की पतियाँ काली ना हो | अब ये पेस्ट पूरी तरह से तेयार हो जायेगा तो इसे हलके हाथो से

इन तरीकों से घर में बनायें ऐलोवेरा साबुन

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ऐलोवेरा  से साबुन बनाने की विधि   :- ऐलोवेरा प्रकृति का वरदान है। जो खूबसूरती को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। इसे त्‍वचा की देखभाल का उत्‍कृष्‍ट संयंत्र माना जाता है , क्‍योंकि यह त्वचा के ऊतकों को पुनर्जीवित करने और उन्हें हमेशा स्वस्थ और हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है। यह चेहरे की त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने में भी सहायक होता है। ऐलोवेरा को कई प्रकार से सुंदरता को बढ़ाने और निखारने के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है। ऐलोवेरा को अगर त्‍वचा के लिए अमृत कहा जाये तो अतिश्‍योक्ति नहीं होगी। इस आर्टिकल के माध्‍यम से हम आपको ऐलोवेरा साबुन बनाने के तरीके के बारे में बता रहे हैं। यह रूखी , बेजान , दागदार त्‍वचा के साथ-साथ मुंहासों , सोरायसिस आदि त्‍वचा की समस्‍या को दूर करने में भी मददगार साबित होगा। यहां दिये आसान उपाय की मदद से आप इसे आसानी से घर में बना सकते है , तो देर किस बात की , इस प्राकृतिक साबुन के फायदों का लाभ आप भी जल्‍द लें। 1 किलो ऐलोवेरा साबुन बनाने की सामग्री 110 ग्राम - ऐलोवेरा का पल्प   110 मिली - कास्टिक सोडा 750 मिली - जैतून का तेल 25

क्या है धुम्रपान जाने इसके बारे में और धुम्रपान को छोड़ने के 10 अचूक तरीके

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  क्या है धुम्रपान जाने इसके बारे में और   धुम्रपान को छोड़ने के 10 अचूक तरीके            पचास लाख लोग हर साल मर जाते हैं धूम्रपान से By: Saurav Published : विश्व में करीब डेढ़ अरब लोग धूम्रपान करते हैं तथा करीब 50 लाख लोग प्रतिवर्ष धूम्रपान के कारण मारे जाते हैं। तम्बाकू जनित रोग लगातार बढ़ते जा रहा है और यदि इस पर लगाम न लगायी गयी स्थिति बहुत खतरनाक हो जाएगी। चिविवि के चेस्ट रोग विशेषज्ञ डा. सूर्यकांत का कहना है कि तम्बाकू के कारण 40 प्रकार के कैंसर हो सकते हैं जिसमें फेफड़े , मुंह , सांस की नली , मूत्राशय व प्रोस्टेट का कैंसर प्रमुख है। डा. सूर्यकांत का कहना हैकि लोगों में तम्बाकू के प्रति जागरूकता तो है लेकिन इसकी रोकथाम के लिए बनाए गए नियमों में सख्ती न होने के कारण लोग इस लत को छोड़ नहीं पा रहे हैं। तम्बाकू का लगातार सेवन न सिर्फ व्यक्ति को कैंसर की ओर ले जाता है बल्कि शरीर में कई अन्य विकार भी पैदा करता है। उन्होंने कहा कि तम्बाकू के लगातार प्रयोग से व्यक्ति की प्रजनन क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है और कई मामलों में ऐसा देखा गया कि तम्बाकू के अधिक प्रयोग से व्यक

बाजरा के स्वास्थ्य लाभ

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बाजरे का सेवन लाभकारी है।  बाजरे की रोटी का स्वाद जितना अच्छा है, उससे अधिक उसमें गुण भी हैं। – बाजरे की रोटी खाने वाले को हड्डियों में कैल्शियम की कमी से पैदा होने वाला रोग आस्टियोपोरोसिस और हड्डियों के रोग नहीं होंगे -बाजरे में भरपूर कैल्शियम होता है जो हड्डियों के लिए रामबाण औषधि है – बाजरा खाइए,–खून की कमी यानी एनीमिया नहीं होता। – बाजरा लीवर से संबंधित रोगों को भी कम करता है।लीवर की सुरक्षा के लिए भी बाजरा खाना लाभकारी है। – गेहूं और चावल के मुकाबले बाजरे में ऊर्जा कई गुना है। – बाजरे में आयरन भी इतना अधिक होता है कि खून की कमी से होने वाले रोग नहीं हो सकते। – खासतौर पर गर्भवती महिलाओं ने कैल्शियम की गोलियां खाने के स्थान पर रोज बाजरे की दो रोटी खाना चाहिए। – वरिष्ठ चिकित्साधिकारी मेजर डा. बी.पी. सिंह के सेना में सिक्किम में तैनाती के दौरान जब गर्भवती महिलाओं को कैल्शियम और आयरन की जगह बाजरे की रोटी और खिचड़ी दी जाती थी। इससे उनके बच्चों को जन्म से लेकर पांच साल की उम्र तक कैल्शियम और आयरन की कमी से होने वाले रोग नहीं होते थे। -इतना ही नहीं बाजरे का सेवन करने वाली म